मां कालरात्रि की पूजा से काल का होता है नाश

बहजोई (सम्भल) नगर के रेलवे रोड स्थित मां भगवंत पुर देवी मंदिर परिसर में स्थित श्री हनुमान मंदिर के पुजारी पं राजीव शर्मा ने बताया कि शारदीय नवरात्र के सातवें दिन दुर्गा मां के कालरात्रि रूप की पूजा की जाती है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 12:34 AM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 12:34 AM (IST)
मां कालरात्रि की पूजा से काल का होता है नाश
मां कालरात्रि की पूजा से काल का होता है नाश

बहजोई (सम्भल) : नगर के रेलवे रोड स्थित मां भगवंत पुर देवी मंदिर परिसर में स्थित श्री हनुमान मंदिर के पुजारी पं राजीव शर्मा ने बताया कि शारदीय नवरात्र के सातवें दिन दुर्गा मां के कालरात्रि रूप की पूजा की जाती है। मां दुर्गा का सातवां स्वरूप मां कालरात्रि देवी का है। कालरात्रि देवी को सदैव शुभ फल देने के कारण शुभंकरी भी कहा जाता है। कहा जाता है कि मां कालरात्रि की पूजा करने से काल का नाश होता है। मां के इस स्वरूप को वीरता और साहस का प्रतीक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि मां कालरात्रि की कृपा से भक्त हमेशा भयमुक्त रहता है, उसे अग्नि, जल, शत्रु आदि किसी का भी भय नहीं होता। पूजन विधि...

नवरात्रि के सातवें दिन सुबह में स्नानादि से निवृत होने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर मां कालरात्रि की विधि विधान से पूजा अर्चना करें। देवी को अक्षत, धूप, गंध, रातरानी पुष्प और गुड़ का नैवेद्य आदि विधिपूर्वक अर्पित करें। फिर दुर्गा आरती करें। इसके बाद ब्राह्मणों को दान दें। इससे आकस्मिक संकटों से आपकी रक्षा होगी। मां कालरात्रि की आरती और पूजा के समय अपने सिर को खुला न रखें। पूजा के समय सिर पर साफ रूमाल आदि रख लें। इसके अलावा, सप्तमी के दिन रात में विशेष विधान के साथ देवी की पूजा की जाती हैें। मां कालरात्रि के मंत्र...

दंष्ट्राकरालवदने शिरोमालाविभूषणे। चामुण्डे मुण्डमथने नारायणि नमोऽस्तु ते।।

या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:।।

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