जब लेखपाल करेगा उच्चाधिकारियों की जांच, तो निष्पक्षता पर उठेंगे सवाल

बहजोई (सम्भल) नेशनल हाईवे-509 मुरादाबाद से अलीगढ़ तक चौड़ीकरण के लिए निकाले गए करोड़ों के मुआवजे के मामले में विधायक के द्वारा की गई शिकायत की जांच लेखपाल के द्वारा की गई है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 12:54 AM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 12:54 AM (IST)
जब लेखपाल करेगा उच्चाधिकारियों की जांच, तो निष्पक्षता पर उठेंगे सवाल
जब लेखपाल करेगा उच्चाधिकारियों की जांच, तो निष्पक्षता पर उठेंगे सवाल

बहजोई (सम्भल) :

नेशनल हाईवे-509 मुरादाबाद से अलीगढ़ तक चौड़ीकरण के लिए निकाले गए करोड़ों के मुआवजे के मामले में विधायक के द्वारा की गई शिकायत की जांच लेखपाल के द्वारा की गई है। अब विधायक ने चकबंदी विभाग पर संलिप्त अधिकारियों को बचाने का आरोप लगाया है और कहा है कि लेखपाल के द्वारा उच्चाधिकारियों की जांच कैसे संभव है?

विदित रहे कि गुन्नौर के विधायक अजीत कुमार उर्फ राजू यादव के द्वारा मुख्यमंत्री योगी से की गई शिकायत में कहा गया था कि वर्ष 2015 से लेकर 2019 के दौरान नेशनल हाईवे-509 अलीगढ़ से मुरादाबाद तक चौड़ीकरण का कार्य हुआ। इससे पूर्व वर्ष 2015 से 2016 के दौरान हाईवे चौड़ीकरण के लिए किसानों से भूमि का अधिग्रहण हुआ था, जिसमें मुआवजा उस जमीन का भी डलवा दिया गया। इसका उपयोग हाईवे के चौड़ीकरण के लिए नहीं हुआ है, जिस पर अभी भी मकान बने खड़े हैं या फिर खेती हो रही है। इतना ही नहीं महावा नदी की जमीन के पट्टों पर भी अपात्र लोगों को मुआवजा दिलाया गया जबकि उस जमीन पर वर्तमान में खेती हो रही है। मुख्यमंत्री के द्वारा इस पूरे मामले की जांच कराने के लिए जिलाधिकारी और मुरादाबाद स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को जांच कराने के लिए निर्देश दिए गए। इसके बाद एनएचएआई ने चकबंदी विभाग को जांच के लिए कहा लेकिन, जांच के लिए पत्र हर निचले अधिकारी को प्रेषित होता रहा और अंतत: चकबंदी लेखपाल के द्वारा पूरे प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट भेज दी गई, जिसमें सब कुछ सही होने का दावा किया गया है। उच्चाधिकारियों पर लगे मुआवजे के घपले के आरोपों की जांच लेखपाल के द्वारा किए जाने के बाद जैसे ही इसकी भनक गुन्नौर के विधायक अजीत कुमार उर्फ राजू यादव को लगी है तो उन्होंने इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच पर सवाल खड़े किए हैं और फिर से इस प्रकरण को मुख्यमंत्री के समक्ष ले जाने की बात कही है। गुन्नौर के इस गांव का है मामला

जिले की गुन्नौर तहसील की ग्राम पंचायत उदरनपुर अजमतनगर में हाईवे चौड़ीकरण के लिए भूमि का अधिग्रहण किया गया था। हाईवे के चौड़ीकरण ले अलावा महावा नदी और एक तालाब पर दो पुलों का निर्माण भी कराया गया। शिकायत में विधायक का दावा किया गया है कि भूमि का अधिग्रहण करते हुए नियमों की अनदेखी की गई और अपात्र किसानों के नाम पर मुआवजा की धनराशि बंदरबांट की गई। पात्र किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया जिसमें तत्कालीन चकबंदी अधिकारियों व कर्मियों के अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों की भी संलिप्तता है। मेरे द्वारा मुआवजा के घपले की शिकायत मुख्यमंत्री से की गई थी, जिसकी जांच उच्चाधिकारियों से कराने के लिए निर्देश हुआ था लेकिन संज्ञान में आया है कि उसकी जांच में लीपापोती हुई और लेखपाल से रिपोर्ट बनवाकर सब दबाने का प्रयास किया जा रहा है जिसे नहीं होने दिया जाएगा।

-अजीत कुमार उर्फ राजू यादव, गुन्नौर।

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