खतरे के निशान के करीब गंगा का जलस्तर, ग्रामीणों में हलचल

जेएनएन बबराला पहाड़ों पर हो रही बारिश के चलते बबराला गंगा घाट पर पानी खतरे के निश्

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 01:05 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 01:05 AM (IST)
खतरे के निशान के करीब गंगा का जलस्तर, ग्रामीणों में हलचल
खतरे के निशान के करीब गंगा का जलस्तर, ग्रामीणों में हलचल

जेएनएन, बबराला : पहाड़ों पर हो रही बारिश के चलते बबराला गंगा घाट पर पानी खतरे के निशान के करीब है। जिसको देखते हुए प्रशासन भी सख्त हो गया है। बता दें कि रेलवे द्वारा बनाए गये लाल निशान से कुछ नीचे ही गंगा का पानी बह रहा है। जिससे आसपास के गांव में हलचल बढ़ गई है। गंगा घाट की सीढि़यां भी पूरी तरह पानी में डूब चुकी हैं।

शुक्रवार को चतुर्दशी के मौके पर सुबह से ही गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं का बबराला घाट पर पहुंचना शुरू हो गया था। जहां लोगों ने गंगा स्नान किया। लेकिन इस दौरान घाट पर मौजूद गोताखोर पानी के बहाव के कारण लोगों को गहरे पानी में जाने से मना करते दिखे। बबराला गंगाघाट घाट के महंत बाबा श्याम गिरी ने बताया कि इन दिनों पहाड़ों पर बारिश हो रही है, जिससे गंगा का जल स्तर बढ़ा हुआ है। गंगा में नहाने के लिए आ रहे श्रद्धालुओं से गंगा किनारे ही स्नान की सलाह दी जा रही है। जिससे कोई अनहोनी न हो पाए। हर साल बाढ़ से परेशान होते हैं ग्रामीण

सम्भल: बरसात के मौसम में हर साल ग्रामीणों को बाढ़ के पानी से परेशान होना पड़ता है। कई गांवों में पानी घुस जाता है। वहीं, हजारों बीघा फसल भी बाढ़ के चलते बर्बाद हो चुकी होती है। ऐसे में गंगा किनारे बसे कुछ गांव के लोग बरसात खत्म होने के बाद ही अपने खेतों में फसल लगाते हैं। हालांकि अब कुछ किसानों ने गन्ने की खेती करनी शुरू कर दी है। क्योंकि गन्ने की खेती को बाढ़ का पानी कम नुकसान पहुंचाता है। इसके चलते किसान धान की फसल भी कम लगा रहे हैं। दरअसल, धान की फसल छोटी होने पर वह बाढ़ के पानी से बर्बाद हो जाती है। इसलिए किसान भी अपनी सूझबूझ से काम कर रहे हैं।

बाढ़ को लेकर प्रशासन ने कसी कमर

सम्भल: तहसील गुन्नौर क्षेत्र में बाढ़ को लेकर प्रशासन ने कमर कस ली है सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बाढ़ को लेकर प्रशासन ने छह बाढ़ चौकी व आठ आपदा शरण स्थल बनाए हैं। गुन्नौर तहसील केंद्र पर बाढ़ कंट्रोल रूम बनाया गया है जो आरके की देखरेख में रहेगा। बाढ़ की पूरी निगरानी तहसीलदार स्वयं करेंगे। जिससे बाढ़ जैसी समस्याओं से आसानी से लड़ा जा सके।

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