खेत में पतई गलाने के लिए गन्ना विभाग देगा मशीन, रुकेगा प्रदूषण

जेएनएन सम्भल सरकार ने प्रदूषण को रोकने के लिए तमाम प्रयास किए हैं। इसके लिए सरकार ने पराली को खेतों में जलाने पर भी रोक लगाई थी। उसके बाद भी जनपद में कुछ स्थानों पर पराली जलाई गई। अब इसको को रोकने के लिए प्रशासन पहले से ही सतर्क हो गया है। इसके लिए गन्ना विभाग की ओर से पराली व पतई को गलाने के लिए मलचर मशीन उपलब्ध कराई गई है। इसे 25 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से किसान को दी जाएगी। जिससे किसान पतई गला सकें।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 11:46 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 11:46 PM (IST)
खेत में पतई गलाने के लिए गन्ना विभाग देगा मशीन, रुकेगा प्रदूषण
खेत में पतई गलाने के लिए गन्ना विभाग देगा मशीन, रुकेगा प्रदूषण

जेएनएन, सम्भल: सरकार ने प्रदूषण को रोकने के लिए तमाम प्रयास किए हैं। इसके लिए सरकार ने पराली को खेतों में जलाने पर भी रोक लगाई थी। उसके बाद भी जनपद में कुछ स्थानों पर पराली जलाई गई। अब इसको को रोकने के लिए प्रशासन पहले से ही सतर्क हो गया है। इसके लिए गन्ना विभाग की ओर से पराली व पतई को गलाने के लिए मलचर मशीन उपलब्ध कराई गई है। इसे 25 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से किसान को दी जाएगी। जिससे किसान पतई गला सकें।

देश व प्रदेश में लगातार प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। प्रदूषण को रोकने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार सतर्क हो गई हैं, क्योंकि इस समय धान व गन्ने की फसल की कटाई होती है। फसल से निकलने वाली पतई व पराली में किसान आग लगा देते हैं। जिसकी वजह से प्रदूषण बढ़ जाता है। ऐसे में लोगों को सांस लेने में दिक्कत व अन्य बीमारियों का सामना करना पड़ता है। पराली व पतई जलाने से रोकने के लिए पिछले वर्ष भी सरकार ने रोक लगाई थी। उसके बाद भी कुछ जगह पर पतई व पराली जलाई गई थी। इस पर पहले से ही प्रशासन सतर्क हो गया है। पराली व पतई को रोकने के लिए गन्ना विभाग की ओर से पराली व पतई को गलाने के लिए तीन मलचर मशीन उपलब्ध कराई गई हैं। मलचर मशीन किसानों को 25 रुपये प्रति घंटे पर किराये पर दी जाएगी। जिससे किसान पराली व पतई गला सकते हैं। अब किसानों को अपने खेत में पराली व पतई को नहीं जलाना पड़ेगा। मशीन से पराली पताई गलाने से खेत में उवर्रक शक्ति बढ़ेगी और प्रदूषण पर भी लगाम लगेगी। इससे किसानों को भी लाभ मिलेगा।

कोई भी किसान पराली व पतई ना जलाए मलचर मशीन उपलब्ध है। इसका उपयोग करने से प्रदूषण पर लगाम लगेगी।-

जिला गन्ना अधिकारी कुलदीप सिंह

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