जल्द मिलेगा शुद्ध पेयजल, नमूनों की जांच ने पकड़ी रफ्तार

शिव कुमार कुशवाहा बहजोई सरकार के जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में प्रत्येक ग्रामीण को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए योजना ने रफ्तार पकड़ ली है। इसके लिए जिले की सभी ग्राम पंचायतों में रोस्टर के हिसाब से नमूने लिए जा रहे हैं और उनकी जांच जिला स्तरीय लैब में की जा रही है हालांकि ज्यादातर नमूने परीक्षण में पास हो रहे हैं जबकि कई स्थानों पर फ्लोराइड की मात्रा सामने आई है। जिसकी रिपोर्ट जल निगम के निदेशालय को प्रेषित की गई है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 12:13 AM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 12:13 AM (IST)
जल्द मिलेगा शुद्ध पेयजल, नमूनों की जांच ने पकड़ी रफ्तार
जल्द मिलेगा शुद्ध पेयजल, नमूनों की जांच ने पकड़ी रफ्तार

शिव कुमार कुशवाहा, बहजोई: सरकार के जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में प्रत्येक ग्रामीण को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए योजना ने रफ्तार पकड़ ली है। इसके लिए जिले की सभी ग्राम पंचायतों में रोस्टर के हिसाब से नमूने लिए जा रहे हैं और उनकी जांच जिला स्तरीय लैब में की जा रही है, हालांकि ज्यादातर नमूने परीक्षण में पास हो रहे हैं जबकि कई स्थानों पर फ्लोराइड की मात्रा सामने आई है। जिसकी रिपोर्ट जल निगम के निदेशालय को प्रेषित की गई है।

जल जीवन मिशन के तहत प्रत्येक घर को नल देने के साथ-साथ स्वच्छ पेयजल मुहैया करवाने के लिए सरकार की ओर से इसकी जिम्मेदारी जल निगम के सहयोग से ग्राम पंचायतों को सौंपी गई है। विकासखंड स्तर पर जारी रोस्टर के हिसाब से जिले की सभी 670 ग्राम पंचायतों में पेयजल के नमूने लिए जा रहे हैं। इस कार्य में ग्राम पंचायत में पूर्ण रुप से सहयोग कर रहे हैं। पंचायत से जल एवं स्वच्छता समिति की सलाह पर काम हो रहा है और ग्राम प्रधान के नेतृत्व में नमूने लिए जा रहे हैं। इन नमूनों को जिला मुख्यालय बहजोई पर संचालित लैब में परीक्षण कराया जा रहा है। जबकि दो फीसद नमूनों को जल निगम लखनऊ के लिए प्रेषित किया जा रहा है। आमजन की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए गांव में जल एवं स्वच्छता समिति के अलावा हर गांव से पांच महिलाओं के समूह बनाए जा रहे हैं जो योजनाओं के संचालन के साथ ही पानी की शुद्धता की जांच कराएंगे। इसके लिए उन्हें पहले से ही प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। फिलहाल, एक एनजीओ के माध्यम से जिले के सभी आठ विकासखंड क्षेत्र के गांवों में सरकारी हैंडपंप और निजी हैंडपंप के पेयजल के नमूने लिए जा रहे हैं। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक अब तक 200 गांवों से अधिक के 790 सैंपल लिए जा चुके हैं। जिनकी जांच लैब में की गई है तकरीबन 99 फीसद सैंपल परीक्षण में पास पाए गए हैं जबकि एक फीसद के हिसाब से कुछ एक गांव में फ्लोराइड की मात्रा पाई गई है। इस जांच में कहीं भी आर्सेनिक की मात्रा अधिक नहीं पाई गई है। इसके अलावा जिन गांवों में रसायन या आर्सेनिक की मात्रा पहले पाई गई थी, वहां पर पहले से ही ओवरहेड टैंक का निर्माण कर शुद्ध पेयजल मुहैया कराया जा रहा है। फिलहाल नमूनों की जांच रिपोर्ट शासन को प्रेषित की जाएगी उसके आधार पर बजट का आवंटन होते ही प्रत्येक घर को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। गुन्नौर के बाघऊ और रजपुरा के जियानगला में मिल चुकी है आर्सेनिक की मात्रा

बहजोई: विकासखंड गुन्नौर क्षेत्र के गांव बाघऊ में पहले से ही पेयजल अशुद्ध है और यहां पर आर्सेनिक की मात्रा पेयजल में 75 फीसद पाई गई है। जिसकी वजह से चार साल पहले करीब एक दर्जन सरकारी हैंडपंप को ब्लैक लिस्ट किया गया था। इसके अलावा जियानगला की मढ़ैया गांव में भी ओवरहेड टैंक का निर्माण कर ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। क्या है आर्सेनिक और इसकी अधिक मात्रा

बहजोई: आर्सेनिक धातु के समान एक प्राकृतिक तत्व है। पेयजल, भोजन एवं वायु के माध्यम से मानव शरीर में एक निर्धारित मात्रा से अधिक पहुंच जाने पर यह जहरीला हो जाता है। जिसे देखा चखा या सूंघा नहीं जा सकता। जल निगम के मुताबिक गंगा विशन के भू जल आपूर्ति में असैनिक स्वाभाविक रूप से होता है। संपर्क में आने से त्वचा संबंधी समस्याएं होते हैं।

सरकार की जन जीवन मिशन योजना के अंतर्गत जिले की प्रत्येक गांव में पेयजल के नमूने लेकर उनका परीक्षण किया जा रहा है। ज्यादातर नमूने परीक्षण में पास हो रहे हैं। कुछ एक स्थानों पर फ्लोराइड की मात्रा सामने आ रही है। इसकी रिपोर्ट निदेशालय को प्रेषित की जा रही है।- एमपी सिंह, सहायक अभियंता, जल निगम।

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