नीतू सिंह ने गीत प्रस्तुत कर बांधा समां ..

. कल्कि महोत्सव की चौथी शाम गायकों और कवियों के रही नाम।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 01:02 AM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 01:02 AM (IST)
नीतू सिंह ने गीत प्रस्तुत कर बांधा समां ..
नीतू सिंह ने गीत प्रस्तुत कर बांधा समां ..

सम्भल : कल्कि महोत्सव के चौथे दिन ¨सगर व कवियों ने प्रस्तुति देकर समां बांध दिया। कवियों ने जहां कविता सुनाकर लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया तो वहीं हास्य के माध्यम से जमकर हंसाया भी।

एचोड़ा कम्बोह में आयोजित श्री कल्कि महोत्सव के चौथे दिन सबसे पहले मंच पर गायक नीतू ¨सह पहुंची। उन्होंने मंच पर आते ही सुनाया कि मेरे रस्के कमर, तेरी पहली नजर तो लोग अपने स्थानों से खड़े हो गए और तालियां बजाने लगे। इसके बाद उन्होंने मैं हूं तेरी दीवानी, दीवानी तुझसे दिल लगाने की..लैला मैं लैला ऐसी हूं मैं लैला, हर कोई चाहे मुझसे मिलना अकेला..धीरे-धीरे से मेरी ¨जदगी में आना तू। मैं सोचता हूं कि वह कितनी मासूम थी.. के अलावा उन्होंने कई गीत सुनाए तो लोग झूमने के लिए मजबूर हो गए। इसके बाद कवियों ने देर रात तक मंच संभाले रखा। मंच पर पहुंची कवियत्री अनामिका जैन ने कहा- कभी दरिया के भीतर भी समंदर जाग उठता है, मिले सम्मान हीरे का तो पत्थर जाग उठता है। मेरा ईश्वर तेरा अल्लाह मालिक एक है सब का, मेहरबानी हो उसकी तो मुकद्दर जाग उठता है प्रस्तुत किया। इसी कड़ी बेटियों के साथ बढ़ रही द¨रदगी को दशाते हुए अपनी रचना नन्हीं कलियों पर उठे जो आंख उसे फोड़ दो, खुद ही कर लो फैसला कानून भी तोड़ दो, देखकर मासूम की हालत तवायफ भी कह उठी पैसे मत देना मुझे पर बच्चियों को छोड़ दे .. प्रस्तुत की। प्रख्यात गीतकार डॉ विष्णु सक्सेना ने भी कई गीत प्रस्तुत कर समां बांध दिया।

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