आलू और धान की फसल पर भारी बेमौसम की बारिश

जेएनएन सम्भल रविवार को हुई बरसात से किसानों को नुकसान हुआ है। सबसे अधिक नुकसान धान के बाद आलू किसानों को है। जिलेभर में किसानों को लगभग आठ करोड़ का चपत लगी है। जो आलू इस समय तक लग गया था वह बरसात की वजह से खराब हो गया है। ऐसे में किसानों को आलू की फसल की अब दोबारा से बुवाई करनी पड़ेगी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 12:10 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 12:10 AM (IST)
आलू और धान की फसल पर भारी बेमौसम की बारिश
आलू और धान की फसल पर भारी बेमौसम की बारिश

जेएनएन, सम्भल: रविवार को हुई बरसात से किसानों को नुकसान हुआ है। सबसे अधिक नुकसान धान के बाद आलू किसानों को है। जिलेभर में किसानों को लगभग आठ करोड़ का चपत लगी है। जो आलू इस समय तक लग गया था वह बरसात की वजह से खराब हो गया है। ऐसे में किसानों को आलू की फसल की अब दोबारा से बुवाई करनी पड़ेगी।

अक्टूबर माह शुरू होते ही किसानों ने आलू की फसल लगानी शुरू कर दी थी। कुछ किसान आलू लगाने की तैयारी कर रहे थे। ऐसे में जिले में लगभग अब तक तीन हजार हेक्टेयर आलू लग चुका था। यह आलू पिछले आठ दिनों के अंदर ही लगा था। किसानों को उम्मीद थी कि अब बरसात नहीं होगी। अगर बरसात होगी भी तो तेज नहीं होगी, लेकिन किसानों की उम्मीदों पर रविवार को बरसात ने पानी फेर दिया। बरसात इतनी तेज हुई कि आलू की फसल में पानी भर गया। आलू अभी लगा था ऐसे में पानी भरने से पूरा बीज खराब हो गया। अगर जिला उद्यान विभाग की मानें तो इस समय लगभग तीन हजार हेक्टेयर आलू की फसल लग चुकी थी। एक हेक्टेयर में आलू लगाने में किसान को 25 क्विंटल बीज डालना होता है। ऐसे में जिले भर में लगभग 75 हजार क्विंटल आलू बीज किसान लगा चुके थे। जो बरसात में पूरा खराब हो गया। अगर इस बीज की भी कीमत जोड़ी जाए तो लगभग सात करोड़ रुपये बैठती है। वहीं, आलू लगने में किसानों ने एक करोड़ रुपये खर्च खेत की जुताई, दवाई और खाद में कर दिए होंगे, लेकिन बरसात के कारण खेतों में भरे पानी के चलते किसानों का सबकुछ खराब हो गया। अब किसान को दोबारा आलू लगाने के लिए इतने ही रुपये और खर्च करने होंगे।

तेज बरसात से धान की फसल खराब, किसानों को भारी नुकसान

रविवार को सुबह 10 बजे से हुई बरसात की मार धान की फसल पर भी पड़ी है। खेत में खड़ा धान खराब हो गया है। सबसे ज्यादा नुकसान कटे हुए धान को हुआ है। बरसात इतनी तेज थी कि खेतों में पानी भर गया। इसके अलावा मंडी में रखा धान भी भीग गया है। पिछले कई दिनों से किसान धान की फसल की कटाई कर रहे थे। इसके चलते भारी मात्रा में धान मंडी पहुंच रहा था। किसान भी किसी तरह धान की कटाई करके उन्हें बेचने के लिए लगे हुए थे, लेकिन शनिवार की रात से अचानक मौसम खराब होने लगा। रात के समय भी बूंदाबांदी हुई। उस समय किसानों को लगा कि अब मौसम साफ हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ सुबह 10 बजे से फिर से बूंदाबांदी शुरू हो गई। इसके बाद तेज बरसात हुई तो कुछ ही देर में खेतों में पानी भर गया। तेज बरसात होते देख किसान परेशान हो उठे। दस बजे शुरू हुई बरसात पूरे दिन रुक-रुककर होती रही। हालत यह थी कि खेतों ने भी तालाब का रूप ले लिया था।

सरसों की फसल में हो जाएगी देरी

सम्भल: इस समय कुछ किसानों ने सरसों की फसल लगा दी थी जो या फिर किसान तैयारी में लगा था। जिन्होंने अभी तक सरसों की फसल नहीं लगाई थी उन किसानों को अब दोबारा से तैयारी करनी होगी। जिस तरह बरसात हुई है उसके चलते अब लगभग 15 दिनों तक किसान सरसों की फसल भी नहीं लगा पाएगा। क्योंकि खेत को सूखने में 15 दिन लग जाएंगे। ऐसे में किसान को सरसों की फसल की बुवाई करने में भी देर हो जाएगी।

बरसात से गिर गई बाजरे की फसल

तेज बरसात के चलते खेतों में खड़ी बाजरे की फसल भी गिर गई। इसके चलते धान और आलू के किसानों की तरह बाजरे की खेती को भी नुकसान हुआ है। हालांकि धान और आलू की तरफ बाजरे की फसल को इतना नुकसान नहीं हुआ है।

अब तक जिले में लगभग तीन हजार हेक्टेयर आलू की फसल लग चुकी थी। बरसात के बाद अगर खेत में पानी भर गया है तो बीज खराब हो जाएगा। किसानों का दोबारा ही आलू लगाना पड़ेगा।

सुघर सिंह, जिला उद्यान अधिकारी सम्भल

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