सम्भल में खाद के लिए कतार, चन्दौसी में सूने पड़े क्रय केंद्र

किसान बेहाल और परेशान है। पहले मानसून की मार फिर नियमों का हवाला। जिले के किसान खाद के लिए परेशान हैं। नियमों का झोल ऐसा है कि सात से आठ बीघा जमीन पर महज एक कटटा खाद मिल पाएगा। इसके लिए भी किसानों को लंबी लाइन में लगना पड़ रहा है। फिर भी निराशा हाथ लग रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 02:15 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 02:15 AM (IST)
सम्भल में खाद के लिए कतार, चन्दौसी में सूने पड़े क्रय केंद्र
सम्भल में खाद के लिए कतार, चन्दौसी में सूने पड़े क्रय केंद्र

सम्भल/चन्दौसी, जेएनएन: किसान बेहाल और परेशान है। पहले मानसून की मार फिर नियमों का हवाला। जिले के किसान खाद के लिए परेशान हैं। नियमों का झोल ऐसा है कि सात से आठ बीघा जमीन पर महज एक कटटा खाद मिल पाएगा। इसके लिए भी किसानों को लंबी लाइन में लगना पड़ रहा है। फिर भी निराशा हाथ लग रही है। वहीं, बरसात से धान खराब होने का असर क्रय केंद्रों पर दिखना शुरू हो गया है। बुधवार को चन्दौसी के कई केंद्र खाली रहे। यहां धान की खरीद एक तरह से बंद रही।

चन्दौसी मंडी में बने सरकारी क्रय केंद्रों पर धान अभी तक काफी कम आया है। जबकि, आढ़तियों के यहां ढेर लगे हैं। मंडी समिति परिसर में धान खरीद को सरकारी एजेंसियों ने पांच क्रय केंद्र बनाए हैं। प्रदेश सरकार ने किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य मिल सके। इसके लिए एक अक्टूबर से धान खरीद के निर्देश दिए। लेकिन, अभी तक मंडी समिति में बने धान क्रय केंद्रों पर कम संख्या में ही किसान धान लेकर पहुंच रहा है । रविवार व सोमवार को दो दिन हुई बारिश में किसानों की कटी व खेत में खड़ी फसल भीग गयी। इस पर किसान को भारी नुकसान हुआ है, इसलिए क्रय केंद्र पर किसान धान लेकर नहीं पहुंच रहा है। उधर केंद्र प्रभारी पंकज शर्मा का कहना है कि शासन ने धान खरीद का मूल्य 1,940 रुपये प्रति कुंतल रखा गया है। जबकि उसी धान को आढ़ती 2,150 रुपये में खरीद रहा है। इसलिए किसान धान क्रय केंद्रों पर कम लेकर पहुंच रहा है।

वहीं, सम्भल मंडी में खाद के लिए लंबी लाइन लग रही है। डीएपी के लिए बुधवार को समरपाल सिंह, भूराम सिंह, शिव नारायण, राजपाल सिंह, पप्पू, पान सिंह, हर ज्ञान सिंह, गिरिराज, जितेंद्र, जोगेंद्र, बलवीर सिंह, महीपाल सिंह, श्योदान सिंह, नरेश जैसे तमाम किसान लाइन में लगे रहे। कुछ को मिला कुछ को बिना डीएपी वापस आना पड़ा। सचिव राजेश चौधरी ने कहा कि निर्देश है कि एक बीघा पर 17 से 18 किलोग्राम खाद देना है। सात से आठ बीघा पर एक कटटा डीएपी दिया जाना है। सबको खाद दी जा रही है। कागज की पड़ताल में थोड़ा समय लगने से लाइन लंबी लग रही है।

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