नए साल से नई उम्मीद, गुलजार होगा बाजार

चन्दौसी यह वर्ष गुजर गया बहुत सी खट्टी-मीठी व कड़वी याद छोड़ गया। कोरोना के कारण यह वष

By JagranEdited By: Publish:Fri, 01 Jan 2021 12:53 AM (IST) Updated:Fri, 01 Jan 2021 12:53 AM (IST)
नए साल से नई उम्मीद, गुलजार होगा बाजार
नए साल से नई उम्मीद, गुलजार होगा बाजार

चन्दौसी: यह वर्ष गुजर गया, बहुत सी खट्टी-मीठी व कड़वी याद छोड़ गया। कोरोना के कारण यह वर्ष व्यापारी को आर्थिक रूप से नुकसानदायक रहा। अब व्यापारियों को नए साल से नई उम्मीद और बाजार गुलजार होने की संभावना है।

वर्ष 2020 के शुरू होते ही मार्च में कोरोना के कारण पूरे देश में लॉकडाउन लग गया। देश में एक तरह से ठहराव की स्थिति हो गई। लोगों को एक नए अनुभव का सामना करना पड़ा। जिन बाजारों में जाम लगता रहता है। वहां सन्नाटा पसर गया और दुकानें बंद थी। शहर के शहर बंद होने से माल गोदामों में फंस कर रह गया। इससे व्यापारियों की रकम तो फंस गई और व्यापार भी ठप होने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा। इससे आमजन को खासी परेशानी हुई, लेकिन व्यापारियों को आर्थिक रूप से काफी नुकसान उठाना पड़ा। एक तरह से व्यापारी की कमर तोड़कर रख दी। इसीलिए व्यापार अभी पूरी तरह से पटरी पर नहीं आया है। लॉकडाउन के बाद बंदिशों के साथ शुरू हुआ अनलॉक, तब कहीं जाकर व्यापारी को कुछ राहत मिली। पर व्यापार पहले जैसी स्थिति में नहीं आ सका है। अब व्यापारी वर्ग को नए वर्ष से काफी उम्मीदें है। उसने कोरोना से पूर्व की तरह बाजार गुलजार होने की उम्मीद है। कोट-

मार्च में लॉकडाउन लग जाने से मैंथा की आमद बंद हो गई। जो निर्यातक मैंथा उत्पाद बाहर भेजते थे। कोरोना के कारण माल बाहर नहीं जा सका। अब नए साल में कुछ उम्मीद बंधी है।

अमित अग्रवाल, मैंथा व्यापारी चन्दौसी कोट-

कोरोना के चलते अभी तक व्यापार पटरी पर नहीं आ सका है। लोग पहले जरूरत की चीज खरीद रहे हैं इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक्स का सामान। इसीलिए व्यापार मंदी के दौर से गुजर रहा है।

दिनेश सरन अग्रवाल, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान के विक्रेता

कोट-

कोरोना के कारण शादी विवाह व अन्य आयोजनों पर रोक लग गई। जबकि ऐसे समय पर ही कपड़ों की खरीद जमकर की जाती है। इसीलिए यह साल व्यापार के हिसाब खराब रहा है।

ब्रजेश कुमार, कपड़ा व्यापारी

कोट-

शादी विवाह में ही सोने के आभूषण आदि की खरीदारी होती थी। कोरोना के कारण इन पर प्रतिबंध लगा हुआ था। इसलिए सर्राफा व्यापार मंदी के दौर से गुजरा है। अब नए वर्ष से कुछ उम्मीद है।

पराग रस्तोगी, सर्राफा व्यापारी

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