नई फसल के बाद भी सरसों तेल के दामों में उछाल
बहजोई जिले में कोरोना वायरस से जूझ रहे लोगों को सरसों के दामों में आए उछाल ने परेशा
बहजोई: जिले में कोरोना वायरस से जूझ रहे लोगों को सरसों के दामों में आए उछाल ने परेशानी में डाल दिया है। खाद्य तेलों के दाम डेढ़ गुना तक बढ़ गए है। फुटकर बाजार में सरसों का तेल 140 रुपये प्रति किलो के पार पहुंच गया है। वहीं पॉम ऑयल के दामों में भी इजाफा हुआ है।
लोग सरसों की नई फसल आने पर तेल के दाम कम होने का अनुमान लगा रहे थे, लेकिन सरसों के तेल ने दाल व सब्जी में लगने वाले तड़के को और भड़का दिया है। पॉम ऑयल, वनस्पति घी, पीली घानी सरसों के तेल की कीमतों में एकाएक हुई वृद्धि ने महिलाओं की रसोई घर का बजट बिगाड़ दिया है। वहीं बाजार में बिकने वाली कचौडी और पकौड़ी की लागत में भी इजाफा हुआ है। बीती 22 मार्च को सरसों का तेल सौ रुपये किलो था। अब ब्रांडेड कम्पनी का तेल फुटकर बाजार में 140 से 142 रुपये प्रति किलो मिल रहा है। रिफाइंड की कीमत 138 से 140 रुपये तक है, इसमें 20 रुपए का इजाफा हुआ है। सरकार द्वारा आयात शुल्क में भारी वृद्धि कर दिए जाने से पॉम ऑयल कंपनियों से आयात नहीं हो सका है। ऐसे में अब 10 से 15 रुपये तक का उछाल आया है। वर्जन
खाद्य तेलों में पिछले एक सप्ताह से वृद्धि हो रही है। बीते तीन दिन में सरसों तेल के दाम में चार से पांच रुपये प्रति किलो इजाफा हुआ है। नई सरसों की फसल आ गई है, मगर तेल की कीमत घटने की जगह बढ़ रही है। पहले नई फसल आने पर तेल के दाम घट जाते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है।
बीटू वाष्र्णेय, दुकानदार
महंगाई ने घर का बजट बिगाड दिया है। रसोई गैस के बडे दाम से अभी पूरी तरह से संभल नहीं पाए थे कि अब सरसों तेल के दामों में आयी तेजी के चलते 140 रुपये प्रति किलो लेना पड रहा है।
ललित शंकर, ग्राहक