पर्यावरण संरक्षण की नजीर बना मनरेगा पार्क

शिवकुमार कुशवाहा बहजोई वर्तमान में पर्यावरण बचाने की मुहिम में एक ग्राम पंचायत के द्वारा मनरेगा पार्क विकसित कर नजीर पेश की गई है। जिसमें प्रशासन के द्वारा कब्जा मुक्त कराई गई भूमि पर निर्मित कराया गया मनरेगा पार्क पर्यावरण संरक्षण का आकर्षण बन रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 12:23 AM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 12:23 AM (IST)
पर्यावरण संरक्षण की नजीर बना मनरेगा पार्क
पर्यावरण संरक्षण की नजीर बना मनरेगा पार्क

शिवकुमार कुशवाहा, बहजोई: वर्तमान में पर्यावरण बचाने की मुहिम में एक ग्राम पंचायत के द्वारा मनरेगा पार्क विकसित कर नजीर पेश की गई है। जिसमें प्रशासन के द्वारा कब्जा मुक्त कराई गई भूमि पर निर्मित कराया गया मनरेगा पार्क पर्यावरण संरक्षण का आकर्षण बन रहा है।

जिले के विकासखंड बहजोई क्षेत्र की ग्राम पंचायत बेहटा जयसिंह में करीब 25 से 30 बीघा शासकीय जमीन पर गांव के कुछ लोगों का कब्जा था। एक वर्ष पूर्व जिला प्रशासन और मुख्य विकास अधिकारी उमेश कुमार त्यागी के हस्तक्षेप के चलते तहसील प्रशासन ने जमीन को कब्जा मुक्त कराया। जिसके तुरंत बाद ग्राम पंचायत के द्वारा इसकी बाउंड्री की गई और इसे मनरेगा पार्क घोषित किया गया। मनरेगा योजना के अंतर्गत इसे विकसित कराने की प्रक्रिया तेज हुई और इसमें डीएम व सीडीओ समेत उच्च अधिकारियों के द्वारा करीब 15 सौ पौधे लगाए गए। अब एक वर्ष बीत जाने के बाद पेड़ काफी बड़े हो गए हैं और इस पर लगाई गई हरी-भरी घास भी आकर्षण का केंद्र बन रही है। विभिन्न प्रकार की विविधता वाले पेड़ पौधों को देखकर न केवल इस ग्राम पंचायत के ग्रामीण बल्कि अन्य गांवों के लोग भी इस पार्क में टहलने के लिए आते हैं। ग्राम पंचायत के द्वारा मनरेगा के तहत बाउंड्री के बाद अब इस पर मुख्य प्रवेश द्वार भी बनाया गया है और इस पार्क की देखरेख के साथ पौधों के संरक्षण के लिए मनरेगा से ही मजदूरों को लगाया जा रहा है। फिलहाल मुख्य विकास अधिकारी इस पार्क को नजीर मानते हुए अन्य ग्राम पंचायतों को इसका अनुसरण कर गांव-गांव में मनरेगा पार्क विकसित करने के निर्देश दे रहे हैं। औषधि, फलदार के साथ सागौन व पीपल के वृक्ष

ग्राम पंचायत और उच्चाधिकारियों के सहयोग से मनरेगा पार्क को विकसित करने के लिए सिर्फ औपचारिकता निभाने की परंपरा को तोड़ते हुए इस पार्क में औषधि युक्त पौधों को रोपित किया गया। पार्क के चारों ओर अधिक आक्सीजन प्रदान करने वाली पीपल और नीम जैसे वृक्षों की भी भरमार है। वहीं, फलदार वृक्षों को पार्क के बीचों बीच अलग-अलग छोटे-छोटे बगीचा के रूप में रोपित किया गया है। बहजोई विकासखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत बेहटा जयसिंह में ग्राम सभा की करीब 25 बीघा से अधिक भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया और इसे मनरेगा पार्क के रूप में विकसित किया गया। जो कि अब काफी सुंदर लगता है। इसकी लगातार निगरानी रखी जा रही है। इसी की तर्ज पर अब अन्य ग्राम पंचायतों में भी मनरेगा पार्क विकसित करने के निर्देश दिए जा रहे हैं।

-उमेश कुमार त्यागी, मुख्य विकास अधिकारी, सम्भल।

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