देशभक्ति के नारों के बीच बलिदानी को दी अंतिम विदाई

जेएनएन चन्दौसी अरुणाचल प्रदेश स्थित चीन सीमा एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर तीन दिन पहले बलिद

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 12:40 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 12:40 AM (IST)
देशभक्ति के नारों के बीच बलिदानी को दी अंतिम विदाई
देशभक्ति के नारों के बीच बलिदानी को दी अंतिम विदाई

जेएनएन, चन्दौसी: अरुणाचल प्रदेश स्थित चीन सीमा एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर तीन दिन पहले बलिदान हुए चन्दौसी के जवान प्रदीप यादव को रविवार को अंतिम विदाई दी गई। अंतिम यात्रा में शामिल हर शख्स की आंखों से आंसू बह रहे थे, साथ ही देशभक्ति के नारों से पूरा गांव गूंज उठा। जिलाधिकारी, एसपी, राज्यमंत्री के अलावा अन्य नेताओं ने भी पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। गांव में ही बलिदानी का अंतिम संस्कार किया गया।

कुढ़फतेहगढ़ थाना क्षेत्र के गांव चितौरा निवासी नंदराम सिंह यादव के चार बेटे हैं। इसमें से तीन सेना में हैं। तीसरे नंबर के बेटे प्रदीप यादव (32) वर्ष 2009 में आइटीबीपी में भर्ती हुए थे। 2020 में में उन्हें अरुणाचल प्रदेश से सटी चीन सीमा पर तैनात कर दिया गया था। शुक्रवार को वह साथी जवानों के साथ अपने कैंप से 400 मीटर ऊंची पहाड़ की चोटी पर पेट्रोलिग कर रहे थे। तभी फिसलकर गिरने से चोटिल हो गए। हादसे के बाद उच्च अधिकारियों ने घायल होने की जानकारी फोन द्वारा जवान की पत्नी अनीता को दी। इसके बाद दोपहर 12 बजे सेना के अधिकारियों ने उनके बलिदान होने की पुष्टि की। पोस्टमार्टम के बाद शनिवार रात प्रदीप यादव का पार्थिव शरीर दिल्ली पहुंच गया था। रविवार सुबह आइटीबीपी के इंस्पेक्टर जीवन सिंह 18 जवानों के साथ प्रदीप का पार्थिव शरीर लेकर गांव चितौरा पहुंचे। सेना के वाहनों को आता देख लोगों की भीड़ जमा हो गई। पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही बलिदानी की पत्नी अनीता यादव, बेटा अक्षद, पिता नंदराम सिंह यादव बेसुध हो गए। राज्यमंत्री गुलाब देवी, जिलाधिकारी संजीव रंजन, एसपी चक्रेश मिश्रा, एडीएम कमलेश कुमार अवस्थी, सीओ अशोक गोपाल सिंह, कोतवाल देवेंद्र कुमार शर्मा, इंस्पेक्टर वरुण कुमार, यातायात प्रभारी अनुज मलिक, भाजपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष राजेश सिघल, भारत सिंह यादव, भाजयुमो जिलाध्यक्ष विशाल चौहान, नीलेश यादव, सपा जिलाध्यक्ष असगर अली अंसारी, कृष्ण मुरारी शंखधार, सतीश प्रेमी आदि ने श्रद्धांजलि दी। अंतिम यात्रा में सैलाब उमड़ पड़ा। गम के आगे लोग महामारी की गंभीरता को भी भूल बैठे। श्मशान घाट पर आइटीबीपी के जवानों ने सलामी दी, इसके बाद बेटे अक्षद ने पिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान पूरा गांव भारत माता की जय के जयकारों से गुंजायमान रहा।

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