कल्कि महोत्सवः विश्व शांति की मनोकामना को यज्ञ में डाली आहूतियां

सम्भल के असमोली के ऐचोड़ा कम्बोह में भगवान श्री कल्कि के उदघोष के बीच कल्कि महोत्सव की शुरुआत हो गई। विश्व शांति के लिए १०८ कुंडीय महायज्ञ का आयोजन किया गया।

By RashidEdited By: Publish:Wed, 14 Nov 2018 12:27 PM (IST) Updated:Wed, 14 Nov 2018 12:50 PM (IST)
कल्कि महोत्सवः विश्व शांति की मनोकामना को यज्ञ में डाली आहूतियां
कल्कि महोत्सवः विश्व शांति की मनोकामना को यज्ञ में डाली आहूतियां

सम्भल (जेएनएन)।  विश्व शांति की कामना के साथ भगवान श्री कल्कि के उदघोष  के बीच असमोली के ऐचोड़ा कम्बोह में आयोजित कल्कि महोत्सव की शुरुआत हो गई। बुधवार को सूरज की रोशनी के साथ ही महायज्ञ में आहूतियां डालकर संत समाज में भगवान श्री कल्कि की आराधना की। 108 कुंडीय महायज्ञ में साधु संतों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोगों ने आहुति दी। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने देश और क्षेत्र के लिए एकता और सुख शांति के लिए आहूतियां दी।

करोड़ों की आस्था का केंद्र कल्कि मंदिर 

कल्कि महोत्सव में सुबह सात बजे से यज्ञ का आयोजन किया गया।  कल्कि मंदिर बनाने का संकल्प भक्तों ने लिया। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि कल्कि मंदिर करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है, जिसेे लोग बनता देखना चाहते है। वह जरूर बनेगा। उन्होंने कहा कि यज्ञ से शुद्धि होती है। साथ ही वातावरण भी शुद्ध होता है। यह भी कहा कि कलि काल में चिंतन की बड़ी भूमिका है। इस कलियुग में हमें चिंतन मनन करना चाहिए। कल्कि अवतार के जो लक्षण दिए गए हैं कि वहां पर धर्म की हानि होगी। अधर्म का यहा बोलबाला है।

मानवता ही श्रेष्ठ शक्ति धर्म 

धर्म की व्याख्या करते हुए अाचार्य ने कहा कि मानवता की श्रेष्ठ शक्ति धर्म है। धर्म का न तर्क का विषय है न विवाद यह तो अनुभूति का विषय है। उन्होंने दुर्गा मां की स्तुति भी की। समाज के विषय पर बोले कि समाज की समस्या है एक की उन्नति से दूसरे को परेशानी होती है। मिनी शूद ने कहा कि अब तक के साधु संतों ने धर्म के नाम पर तोड़ा है यह जोड़ रहे हैं। मेरी कामना है कि यहां कल्कि धाम का निर्माण हो। ताकी हम इसकी छाव में बैठकर आनंदित हो सकें। राम बालक दास शास्त्री तथा केशव देव शास्त्री ने भी यज्ञ में आहूति डाली। बंगलुरू से आए दिलशाद ने भी यज्ञ में भाग लिया और आहूति डाली। 

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