कच्चे माल पर महंगाई की मार, बढ़ गए बेरोजगार

सम्भल कच्चे माल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं इसका सीधा असर हस्तशिल्प कारोबार पर पड़ा

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 12:15 AM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 12:15 AM (IST)
कच्चे माल पर महंगाई की मार, बढ़ गए बेरोजगार
कच्चे माल पर महंगाई की मार, बढ़ गए बेरोजगार

सम्भल: कच्चे माल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, इसका सीधा असर हस्तशिल्प कारोबार पर पड़ा रहा है। कच्चे माल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी से कारीगरों के पांव उखड़ गए हैं, जिससे कारखाने बंद होने लगे हैं। उद्यमियों का कहना है कि यदि कच्चे माल पर कीमतें न घटीं तो करोड़ का निर्यात खत्म हो जाएगा और इससे जुड़े हजारों हस्त शिल्पी बेरोजगार होने की कगार पर आ जाएंगे।

शहर में हड्डी, सींग, लकड़ी, पीतल, तांबा, निकिल, एल्युमीनियम, स्टील और लोहा धातुओं से विभिन्न वस्तुएं बनाई जाती हैं। शहर के कई मुहल्लों में यह उद्योग स्थापित हैं। हस्तशिल्प का हर साल तीन सौ करोड़ तक का निर्यात होता है। कोरोना महामारी के कारण लॉक डाउन के दौरान कारखानों में काम बंद हो गया था। वहीं आर्डर भी रुक जाने से उद्योग और निर्यात प्रभावित हुए थे। अब काम ने कुछ गति पकड़ना शुरू किया तो कच्चे माल पर महंगाई की मार शुरू हो गई। नवंबर से अब तक कच्चे माल में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पिछले दिनों में कच्चे माल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी होने के कारण उद्यमियों और निर्यातकों की चिता बढ़ा दी है। निर्यातकों ने कारखाने वालों को जो आर्डर दिए थे, उसमें करीब 25 प्रतिशत तक कच्चे माल पर बढ़ोतरी होने के कारण कुछ लोगों को काम ही बंद करना पड़ रहा है। कारखानों में बंदी का सिलसिला शुरू होने से हस्त शिल्पियों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है।

विदेशों से होता रहा आयात

नगर में निर्यात उत्पादों को तैयार किया जाता है, इसके लिए दुबई सहित पूर्व मध्य के देशों से कच्चा माल आयात किया जाता है। जानकार बताते हैं कि पूर्व मध्य के देशों में अब स्थितियां काफी बदल गई हैं। इससे कच्चे माल के आयात पर भी प्रभाव पड़ा है। यही हाल रहा तो कच्चे माल की कीमतों में और बढ़ोत्तरी हो जाएगी। वही हड्डी सींग दूसरे राज्यों से भी आता है। तेल महंगा होने से भाड़े में बढ़ोत्तरी होने के कारण माल की कीमत भी बढ़ गई है।

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कुछ कारोबारी कहते है कि हड्डी सींग दूसरे राज्यों से आता है। बिल होने के बाद भी पुलिस व कुछ संगठन कच्चे माल को लेकर परेशान करते है। ऐसे में लोग माल दूसरे राज्यों से लाने में डर रहे हैं तो कुछ ला रहे हैं, जिससे माल महंगा हो रहा हैं।

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दामों में आ गया काफी अंतर हड्डी पहले 12 अब 25 (रुपये प्रति किलो)

सींग पहले 45 अब 120 (रुपये प्रति किलो)

केमिकल पहले 2600 रुपये की केन अब 5200 रुपये (कैन 30 लीटर)

धातु - नवंबर (रुपये प्रति किलो) - फरवरी (रुपये प्रति किलो)

कॉपर - 523 - 690

एल्युमीनियम - 150 - 178

पीतल - 330 - 440

सीआर शीट - 58 - 72

निकिल - 1210 - 1500

स्टेनलेस स्टील- 122 - 152

... प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री को पत्र भेजकर हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहाकि लॉक डाउन के बाद से निर्यातक निरंतर संघर्ष कर रहे हैं। यदि कच्चे माल की कीमतों पर तुरंत अंकुश नहीं लगाया गया तो नगर से होने वाला करोड़ों का कारोबार खत्म हो जायगा।

ताहिर सलामी, हैंडीक्राफ्ट्स एसोसिएशन

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नवंबर में केमिकल की केन 2600 रुपये की मिलती थी। अब यह कैन 5200 रुपये की आ रही हैं। हड्डी सींग के रेट आसमान पर हैं। महंगाई ऐसे ही बढ़ती रही तो हैंडीक्राफ्ट का काम बंद हो जाएगा।

हाजी मुशर्रफ अंसारी

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