डीजल के बढ़े मूल्य से अन्नदाता की मुश्किलें बढ़ीं

चन्दौसी (सम्भल) डीजल के बढ़े रेट से खेत की जुताई और सिचाई महंगी हो गई है जिससे अन्नदाता की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 11 Jul 2020 01:00 AM (IST) Updated:Sat, 11 Jul 2020 06:02 AM (IST)
डीजल के बढ़े मूल्य से अन्नदाता की मुश्किलें बढ़ीं
डीजल के बढ़े मूल्य से अन्नदाता की मुश्किलें बढ़ीं

चन्दौसी (सम्भल) : डीजल के बढ़े रेट से खेत की जुताई और सिचाई महंगी हो गई है जिससे अन्नदाता की मुश्किलें बढ़ गई हैं। खरीफ सीजन की शुरुआत हो चुकी है ऐसे में धान समेत अन्य फसलों की रोपाई के लिए खेत की जुताई शुरू हो चुकी है। बुआई के लिए सिचाई की जरूरत पड़ रही है। वर्तमान समय में डीजल 72.68 प्रति लीटर बिक रहा है। कुछ दिन पहले ही डीजल के दामों में बढ़ोतरी से ट्रैक्टर से जुताई और निजी नलकूप से सिचाई भी महंगी हो गई है। ऐसे में किसानों के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है।

किसान भूरे सिंह ने बताया कि डीजल महंगा होने से निजी नलकूप संचालकों ने सिचाई महंगी कर दी है। पहले 100 रुपये प्रति घंटा लेते थे। अब 125 रुपये ले रहे हैं। धान की फसल में कई बार सिचाई करनी पड़ती है जिससे भविष्य में काफी मुश्किलें आ सकती हैं। किसान रामनरेश का कहना है कि डीजल की कीमत बढ़ने से सिचाई महंगी हो गई है। इससे खेती की लागत भी बढ़ रही है। फसल की अच्छी कीमत नहीं मिली तो मुश्किलें आएंगी। कोरोना में राहत के बजाय डीजल की कीमत बढ़ने से किसान परेशान हैं। किसान प्रेमपाल सिंह का कहना है कि जब लागत में अधिक होगी तब अनाज का रेट भी महंगा करना होगा जिससे आम आदमी के लिए पेट भरने का खर्च उठा पाना मुश्किल हो जाएगा। किसान ठाकुर तेजपाल सिंह का कहना है कि लोकसभा चुनाव के समय ऐसा लग रहा था कि भाजपा से ज्यादा मददगार और कोई नहीं हो सकती। किसान सम्मान निधि ने हमारे इस भरोसे को मजबूत किया था लेकिन अब धान की रोपाई के समय डीजल की कीमतें आसमान पर हो गई। इससे बड़ी समस्या पैदा हो गई है। अब तो खेत की सिचाई व जुताई कर पाना ही मुश्किल हो रहा है। जुताई से लेकर सिचाई तक में बढ़ोत्तरी कर दी गई है। इससे किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

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