कटी गर्दन पर दुपट्टंा बांध खुद पहुंची कातिल के घर, हैवानियत बयां की और..दुनिया छोड़ दी
सम्भल बेटी के साथ हैवानियत करने वाला बेशक हमेशा के लिए सलाखों के पीछे पहुंच गया लेकिन आस
सम्भल : बेटी के साथ हैवानियत करने वाला बेशक हमेशा के लिए सलाखों के पीछे पहुंच गया लेकिन, आसान हरगिज नहीं था। यह उस बहादुर बेटी का हौसला ही था, जिसने ज्यादती को चुपचाप नहीं सहा। अस्मत तार-तार होते वक्त वह खूब लड़ी। हैवान की ताकत के आगे हारी तो भी झुकी नहीं। उसे अंजाम तक पहुंचाने की चेतावनी मुंह पर ही दे डाली लेकिन अफसोस., बदले में गर्दन कटानी पड़ गई। एक तरफ गले से फूटता खून का फव्वारा था और दूसरी ओर टूटती सांसें.। ऐसे वक्त मुश्किल वक्त में भी बेटी ने चेतना को अचेत नहीं होने दिया। हिम्मत करके उठी, कटी गर्दन संभाली, दुपट्टें से बांधा और लड़खड़ाते कदमों से हैवान की चौखट पर पहुंचकर उसे दुनिया के सामने बेनकाब कर डाला।
बहुत ज्यादा उम्र नहीं थी उसकी। किशोरवय जिंदगी के संग घर में इठलाती थी। खिलखिलाती थी। अन्य बेटियों की तरह भविष्य के सपने बुनती थी। परिवार की इकलौती लाडली थी मगर, काम में बराबर हाथ बंटाती। सबकुछ ठीकठाक चल रहा था मगर बेटी ने सपने में भी नहीं सोचा था, व्यस्कता की दहलीज पर पहुंचने से पहले ही उठा तूफान अस्मत के साथ-साथ उसकी जिंदगी भी तिनके की तरह उड़ा ले जाएगा।
30 जुलाई 2017..यही वो मनहूस तारीख थी। आम दिनों की तरह बेटी खेत पर चारा काटने गई थी। मन मगन होकर काम में जुटी थी, तभी जिस्म और जान का भूखा हैवान जसवंत आ धमका। किशोरी संग वह सबकुछ कर डाला, जो दुनिया की नजर में महापाप है यानी दुष्कर्म..। जसवंत पर शैतान इस कदर सवार था कि लड़की का मुंह दबाकर विरोध की आवाज को गले में ही घोट दिया। मंसूबे में कामयाब होने के बाद जसवंत बेशर्म लहजे में खेत के भीतर ही निढाल पड़ा रहा। एक पल में ही अपना सबकुछ लुटा बैठी लड़की अवाक थी। पहले रोती रही, फिर हिम्मत बंधाई। आरोपित से दो टूक कह दिया-तुझे छोड़ूंगी नहीं। उसके यह बोलते ही दुष्कर्मी जसवंत के सिर पर खून सवार हो गया। पास में ही पड़ी दराती से बेटी का गला रेत डाला। उसके बाद बेटी ने जो करके दिखाया, हम शुरुआत में ही बयां कर चुके हैं। हां, दुखद सिर्फ इतना रहा कि अपनी बहादुरी से दुष्कर्मी को सलाखों तक पहुंचाने वाली बेटी, जिंदगी से ज्यादा देर तक नहीं लड़ पाई। अलबत्ता, संघर्ष के दम पर अन्य बेटियों को जरूर सीख दे गई कि ज्यादती पर चुप्प मत रहो, लड़ो और आवाज उठाओ, बुरी नजर रखने वालों को अंजाम तक पहुंचाओ..।
-------- तीन साल बाद मिला पीड़िता के स्वजनों को इंसाफ
संवाद सूत्र, पवांसा : बेटी से दुष्कर्म के आरोपित को उम्र कैद मिलने पर परिवार ने खुशी जाहिर की है। उनका कहना है कि बेटी तो अब लौटकर नहीं आ सकती मगर, उसका गुनहगार ताउम्र जेल में रहेगा। अदालत के इस कदम से उन लोगों को सबक मिलेगा, जो बेटियों पर गलत नजर रखते हैं।
----
भाई बोला- दोषी को हो फांसी
मां ने बताया कि एक लड़का और लड़की थी। बेटी को बड़े प्यार से पाला। खैर, दोषी को अदालत ने सजा दे दी। हमें बहुत शांति मिली है। मुझे कानून पर पूरा भरोसा था। हालांकि, भाई इस सजा से खुश नहीं है। उसका कहना है, जसवंत के कृत्य पर फांसी से कम कुछ मंजू नहीं।
-------
मिला था जमीन का पटटा
युवती के पिता मजदूरी करते हैं। भाई दिव्यांग होने के चलते मजदूरी नहीं कर सकता था। घटना के बाद युवती के पिता को सम्भल उप जिलाधिकारी ने चार बीघा जमीन का पट्टा दिया था।