जिले में स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में दर्ज नहीं है डेंगू से मौत

जेएनएन बहजोई जनपद में डेंगू बुखार ने भी अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। निजी चिकित्सकों के यहां डेंगू पीड़ित मरीज उपचार कराते हुए देखे जा सकते हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में अभी तक जिले में किसी डेंगू पीडि़त मरीज की मौत हो जाने की सूचना दर्ज नहीं है। जिला मलेरिया अधिकारी डा. विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू बुखार से लड़ने की अपनी ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 12:09 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 12:09 AM (IST)
जिले में स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में दर्ज नहीं है डेंगू से मौत
जिले में स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में दर्ज नहीं है डेंगू से मौत

जेएनएन, बहजोई : जनपद में डेंगू बुखार ने भी अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। निजी चिकित्सकों के यहां डेंगू पीड़ित मरीज उपचार कराते हुए देखे जा सकते हैं। वहीं, स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में अभी तक जिले में किसी डेंगू पीडि़त मरीज की मौत हो जाने की सूचना दर्ज नहीं है। जिला मलेरिया अधिकारी डा. विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू बुखार से लड़ने की अपनी ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली है। सूचना मिलने पर स्वास्थ्य कर्मियों की टीम मौके पर जाती है और संबंधित मरीज का स्वास्थ्य परीक्षण करने के साथ ही उसके घर व आसपास के घरों के बाहर दवा का छिड़काव करते हैं। साथ ही लोगों को डेंगू के प्रति सावधान रहने के लिए जागरूक कर रहे है। बावजूद इसके अभी तक सरकारी आंकड़ों में डेंगू के मरीज पाए जाने की कोई भी सूचना दर्ज नहीं है। जिले में सितंबर से अब तक 27 डेंगू के मरीज मिले हैं, जिनमे 22 मरीज ठीक हो गए और पांच मरीजों का इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के धरातल पर नहीं दिख रहे इंतजाम

संवाद सहयोगी, बहजोई : जिले भर में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक बुखार व डेंगू का प्रकोप कम करने के लिए शासन से लेकर स्थानीय प्रशासन तक जुटा हुआ है। शासन ने सभी विभागों से लोगों को सावधानी बरतने के प्रति जागरूक करने की जिम्मेदारी सौंपी है, लेकिन धरातल पर कुछ नजर नहीं आ रहा है।

ग्रामीण क्षेत्रों में न तो बुखार और न ही डेंगू पर अंकुश लग पा रहा है। इस कारण क्षेत्र में कई लोग काल का ग्रास भी बन चुक हैं। चिता की बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग सीएचसी व पीएचसी पर 24 घंटे स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा कर हा है, लेकिन किसी अस्पताल में दवाओं का टोटा है, तो कहीं चिकित्सक और स्टाफ का अभाव है। जिस कारण लोग झोलाछाप चिकित्सक के यहां उपचार कराने को मजबूर है।

जनपद में डेंगू बुखार के चल रहे प्रकोप की गिरफ्त में पीड़ित निजी चिकित्सकों के यहां उपचार कराने को मजबूर हैं। जबकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि सूचना मिलने पर स्वास्थ्य कर्मियों की टीम मौके पर जाती है और संबंधित मरीज का परीक्षण करने के साथ ही उसके घर व आसपास दवा का छिड़काव किया जाता है। इतना ही नहीं लोगों को डेंगू के प्रति सावधान रहने को जागरूक किया जाता है। अक्टूबर माह में विशेष संचारी रोग अभियान के अलावा दस्तक अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें लोगों को जागरूक करने के साथ ही डेंगू से बचाव व सावधानी के बारे में जानकारी दी जा रही हैं। डेंगू बुखार के लक्षण

आमतौर पर डेंगू बुखार एक साधारण बुखार होता है और किशोरों एवं बच्चों में इसकी आसानी से पहचान नहीं की जा सकती। डेंगू में 104 डिग्री का बुखार होता है, जिसके साथ इनमें से कम से कम दो लक्षण होते हैं।

. सिर दर्द, मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द।

. जी मिचलाना, उल्टी लगना।

. आंखों के पीछे दर्द,

. ग्रंथियों में सूजन,

. त्वचा पर लाल चकत्ते होना

डेंगू से बचाव के तरीके

. रोग ग्रसित मरीज का तुरंत उपचार शुरू करवाएं व तेज बुखार की स्थिति में पैरासिटामोल की गोली दें।

. एस्प्रिन या डायक्लोफेनिक जैसी अन्य दर्द निवारक दवाई न लें।

. फ्लू एक तरह से हवा में फैलता है। अत: मरीज से 10 फुट की दूरी बनाए रखें तो फैलने का खतरा कम रहता है।

. घर के आसपास मच्छरनाशक दवाइयां छिड़काएं।

. पानी की टंकियों को कवर करके रखें व नियमित सफाई करें।

जनपद में लोगों को डेंगू से बचने के लिए जागरूक किया जा रहा है। सूचना मिलने पर स्वास्थ्य कर्मी मौके पर पहुंच रहे हैं।

डा. रामजीलाल एसीएमओ, सम्भल

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