सरकारी अस्पताल में ओपीडी बंद, झोलाछाप के भरोसे इलाज
कोरोना वायरस की दूसरी लहर से शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में बुखार के मरीज तेजी से बढ़ रहे है। जहां सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा बंद है और सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं चालू है। ऐसे में ग्रामीण बीमारी की हालत में गांवों में मौजूद झोलाछाप डाक्टरों के भरोसे अपने जीवन की नैय्या को पार कराने के लिए अपना इलाज करा रहे हैं।
जेएनएन, सम्भल : कोरोना वायरस की दूसरी लहर से शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में बुखार के मरीज तेजी से बढ़ रहे है। जहां सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा बंद है और सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं चालू है। ऐसे में ग्रामीण बीमारी की हालत में गांवों में मौजूद झोलाछाप डाक्टरों के भरोसे अपने जीवन की नैय्या को पार कराने के लिए अपना इलाज करा रहे हैं।
पवांसा क्षेत्र में बुखार का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। जहां सरकारी अस्पताल में ओपीडी बंद होने पर बुखार से पीड़ित मरीज झोलाछाप से इलाज करा रहे हैं। बुखार से कमजोरी आने पर इन झोलाछापों द्वारा मरीजों के इंजेक्शन और ग्लूकोज की बोतल लगाने के नाम पर मोटी रकम वसूल की जा रही है। झोलाछाप के यहां इलाज कराने के लिए रोजाना सैकड़ों की संख्या में बुखार से पीड़ित ग्रामीण क्षेत्रों से दवा लेने आ रहे हैं। वहीं एक झोलाछाप से जानकारी करने पर नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आठ दिन पहले बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या 100 से अधिक थी। यहां रोजाना 100 के लगभग मरीजों को दवा दी जा रही थी, लेकिन अब मरीजों की संख्या घटने लगी है। अब 40 से 50 मरीज बुखार के आ रहे हैं। सरकारी अस्पताल में ओपीडी बंद है और आपातकालीन सेवाएं 24 घंटे चालू हैं। पवांसा के सीएचसी में कोरोना की जांच की जा रही है। जहां रोजाना एंटीजन जांच 90 से 100 तथा आरटीपीसीआर से 70 से 80 तक जांच की जा रही है।
सीएचसी प्रभारी डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि इस समय ओपीडी बंद है। मगर आपातकालीन सेवा चालू हैं। इस समय अस्पताल में टीकाकरण और कोरोना की जांच का कार्य किया जा रहा है। अगर कोई दवा लेने आता है तो उसे दवा दे दी जाती है।