मैंथा ऑयल के दाम बढ़ने से विदेशी बाजारों में घटी मांग

जागरण संवाददाता, सम्भल: मैंथा ऑयल में तेजी की उम्मीद लगाए बैठे किसानों को झटका लगा है। सटोरियों की सेंधमारी से पिछले तीन दिन में मैंथा ऑयल का भाव 50 से 60 रुपये प्रति किलोग्राम तक नीचे आ चुका है। वैसे तो पिछले वर्ष के मुकाबले मैंथा आँल के दाम काफी अच्छे है। दाम बढ़ने की वजह से विदेशी मार्केट में मैंथॉल की डिमांड भी लगातार कम होती जा रही है। किसान मैंथा आयॅल को भारी मात्रा में अपने पास रोके हुए है और जरूरत के हिसाब से बेच रहे है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 26 Sep 2018 01:17 AM (IST) Updated:Wed, 26 Sep 2018 01:17 AM (IST)
मैंथा ऑयल के दाम बढ़ने से विदेशी  बाजारों में घटी मांग
मैंथा ऑयल के दाम बढ़ने से विदेशी बाजारों में घटी मांग

सम्भल: मैंथा ऑयल में तेजी की उम्मीद लगाए बैठे किसानों को झटका लगा है। सटोरियों की सेंधमारी से पिछले तीन दिन में मैंथा ऑयल का भाव 50 से 60 रुपये प्रति किलोग्राम तक नीचे आ चुका है। वैसे तो पिछले वर्ष के मुकाबले मैंथा ऑयल के दाम काफी अच्छे है। दाम बढ़ने की वजह से विदेशी मार्केट में मैंथॉल की डिमांड भी लगातार कम होती जा रही है। किसान मैंथा ऑयल को भारी मात्रा में अपने पास रोके हुए है और जरूरत के हिसाब से बेच रहे है।

देश की विभिन्न मैंथा मंडियों में इन दिनों एक दिन में 80-100 मीट्रिक टन ऑयल की आवक हो रही है। नई फसल आने के बाद इस वर्ष पिछले वर्ष के मुकाबले मैंथा ऑयल के दाम काफी अच्छे है। सोमवार को मैंथा ऑयल के दाम 1760 रुपये था और मंगलवार को यह दाम 1720 रुपये पहुंच गया। एमसीएक्स चलाने वाले सटोरियों की सैंधमारी से धीरे-धीरे मैंथा ऑयल का बाजार भाव टूट रहा है। सीजन की शुरुआत के समय बाजार भाव 1100 रुपये प्रति किलोग्राम था जो बढ़कर 1720-40 रुपये तक पहुंच गया। किसान अभी भी दाम बढ़ने की उम्मीद लगाकर मैंथा ऑयल को रोके पड़े है। इस सीजन में बाजार में कुल 25 प्रतिशत मैंथा ऑयल किसानों का पहुंचा है। विदेशी बाजारों में मैंथा ऑयल की इस बार काफी मांग थी। व्यापारियों ने सोचा था कि इस वर्ष दाम अच्छे है और किसान मैंथा ऑयल को बाजारों में लेकर पहुंचेंगे। हालांकि ऐसा नहीं हो सका। कुछ किसानों ने ही मैंथा को बेचा है। व्यापारियों को निराशा हाथ लगी है। सम्भल मंडी में इस समय रोजाना 80 से 100 ड्रम माल की आवक हो रही है। अक्टूबर में छत्तरपुर, कोंच, जालौन में नई फसल आएगी तो आवक बढ़ेगी। बाजार में नई मांग निकलने पर ही भाव सुधर सकते है। बाजार किसानों का माल बिक्रय के लिए नहीं आया। 25 प्रतिशत माल बाजार में आया है। दाम बढ़ने की उम्मीद लगाए किसानों ने मैंथा ऑयल को अपने पास रोक रखा है। जिसकी वजह से व्यापारियों को निराशा हाथ लगी। विदेशी बाजार में इस बार काफी ¨डमाड थी। मैंथाल नहीं आने की वजह से व्यापारियों को निराशा हाथ लगी।

दीपक गुप्ता, मैंथा व्यापारी

सचिव मैंथा एसोसिएशन किसान जरूरत के हिसाब से मैंथा ऑयल को बाजार में बेच रहा है। अन्तराष्ट्रीय मांग बाजार में मंदा होने का इंतजार कर रही है। कोच, जालौन, छत्तरपुर क्षेत्र में रोपा की फसल अगस्त के अंतिम सप्ताह से आना सुनिश्चित है। एमसीएक्स बाजार को मंदी की दिशा दे रहा है।

आशुतोष रस्तोगी, मैंथा व्यापारी

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