संवरेगा अंबेहटा शेखां के ईदगाह का तालाब
तालाब जल संरक्षण का प्रमुख आधार है लेकिन आज हम इनसे विमुख होते जा रहे हैं। इसी का नतीजा है कि लगातार जलस्तर नीचे गिर रहा है। जल संरक्षण के लिए सरकार तालाबों की खुदाई करा रही है। इसी कड़ी में देवबंद क्षेत्र के अंबेहटा शेखां गांव में तालाब का जीर्णोद्धार का जिम्मा ब्लाक ने लिया है। इसमें बारिश के पानी को सहेजा जाएगा।
सहारनपुर, जेएनएन। तालाब जल संरक्षण का प्रमुख आधार है लेकिन आज हम इनसे विमुख होते जा रहे हैं। इसी का नतीजा है कि लगातार जलस्तर नीचे गिर रहा है। जल संरक्षण के लिए सरकार तालाबों की खुदाई करा रही है। इसी कड़ी में देवबंद क्षेत्र के अंबेहटा शेखां गांव में तालाब का जीर्णोद्धार का जिम्मा ब्लाक ने लिया है। इसमें बारिश के पानी को सहेजा जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी अधिकांश तालाब कचरे व जलकुंभी के जंगल में गुम हो गए हैं। इतना ही नहीं जल संचयन का प्रमुख स्त्रोत पोखर भी जलकुंभियों से अटे हैं। सिस्टम और लोगों की उपेक्षा के चलते तालाबों का अस्तित्व खतरे में है। उपेक्षा के चलते तालाब व पोखरों का दायरा सिमटता जा रहा है। समय रहते इन तालाबों का जीर्णोद्धार व सफाई नहीं की गई तो इनको बचाकर रखना मुश्किल हो जाएगा। देवबंद क्षेत्र में पिछले सत्र में कुछ तालाबों को ब्लाक द्वारा संरक्षित करने का काम किया गया। जड़ौदा जट्ट, नगली नूर, लखनौती समेत आधा दर्जन गांवों में जल संचयन के लिए तालाबों को तैयार किया गया। अब प्रशासन ने अंबेहटा शेखां गांव के ईदगाह तालाब को चिन्हित किया है। काफी समय पहले इस तालाब में बरसाती पानी का संचयन होता था लेकिन वर्तमान में यह तालाब मैदान बना हुआ है। ग्राम पंचायत के गठन के बाद अब जल्द ही मनरेगा के तहत करीब 2500 वर्ग मीटर की भूमि पर इस तालाब का जीर्णोद्धार कार्य शुरू कर दिया जाएगा। प्रभारी बीडीओ दुष्यंत कुमार का कहना है कि मृतप्राय हो चले तालाबों को चिन्हित कर उनके जीर्णोद्धार का कार्य कराया जाएगा।