वार्ड निगरानी समितियों ने की आक्सीजन की मांग
वार्ड निगरानी समितियों ने होम आइसोलेट मरीजों के लिए आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराए जाने और कब्रिस्तानों पर चार-चार शेड डलवाए जाने की मांग की है। पार्षदों ने इस बाबत मेयर और नगर आयुक्त को एक पत्र भेजा है।
सहारनपुर, जेएनएन। वार्ड निगरानी समितियों ने होम आइसोलेट मरीजों के लिए आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराए जाने और कब्रिस्तानों पर चार-चार शेड डलवाए जाने की मांग की है। पार्षदों ने इस बाबत मेयर और नगर आयुक्त को एक पत्र भेजा है।
मंगलवार को पार्षद मंसूर बदर सहित कई अन्य पार्षदों ने आनलाइन पत्र मेयर संजीव वालिया और नगर आयुक्त ज्ञानेंद्र सिंह को भेजा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वार्ड में निगरानी समिति बनी है, जिसमे पार्षद अध्यक्ष और उनके साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, जिला चिकित्सालय से आशा, और नागरिक सुरक्षा विभाग व पुलिस विभाग से एक-एक कर्मचारी समिति के सदस्य है। ये सभी लोग प्रथम पंक्ति के योद्धा है और इन्हें मालूम है कि कौन व्यक्ति होम आइसोलेट है और किसे आक्सीजन की आवश्यकता है। उन्होंने निगरानी समितियों को अविलंब 10 से 20 आक्सीजन सिलेंडर प्रशासन के सहयोग से उपलब्ध कराने की मांग की। शासन की भी यही मंशा है कि होम आइसोलेट व्यक्ति को आक्सीजन मिले। पार्षदों ने नगर व 32 गांव के सभी कब्रिस्तानों/श्मशान घाटों को सैनिटाइज कराने की मांग की। उन्होंने अंबाला रोड वाले कब्रिस्तान व वाल्मीकि कब्रिस्तान में मिट्टी डलवाने और कुतुबशेर और गोटेशह, हाजी शाह कमाल में और नगर के कब्रिस्तानों में शेड अविलंब डलवाए जाने की मांग की। पत्र भेजने वालों में पार्षद शह•ाद मलिक, सईद सिद्दीकी, मो.अहसान, शाहिद ़कुरैशी, सलीम अंसारी, फुरकाना मलिक, शाहीना परवीन, जमा परवीन, शकील प्रधान, नौशाद राजा, मेहराज, इमरान सैफी शामिल है।
परिवहन कानून में बदलाव सही कदम: चावला
सहारनपुर: उत्तर प्रदेश मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के अध्यक्ष ब्रित चावला ने सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय द्वारा उत्तराधिकारी को वाहन हस्तांतरण करने संबंधी कानून में बदलाव को एक सार्थक कदम बताया। जारी बयान में उन्होंने कहा कि वर्तमान अधिसूचना में पारदर्शिता को बढावा दिया गया है और इससे मोटर मालिकों का विश्वास और मजबूत होगा। उन्होंने प्रत्येक वाहन स्वामी से कहा कि वह नोमिनी का नाम आनलाइन ही दर्ज करा सकते हैं, जो अधिसूचना केंद्र सरकार द्वारा देशभर के लिए जारी की जाती है उस अधिसूचना को केंद्र शासित प्रदेशों एवं सभी राज्यों द्वारा ज्यों का त्यों लागू किया जाना चाहिए।