गांव-गांव धधक रही कच्ची शराब की भट्टियां

बड़गांव क्षेत्र में कच्ची व अवैध शराब का धंधा बेरोकटोक जारी है। गांव गांव कच्ची शराब की भट्टियां धुंआ उगल रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 10:32 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 10:32 PM (IST)
गांव-गांव धधक रही कच्ची शराब की भट्टियां
गांव-गांव धधक रही कच्ची शराब की भट्टियां

सहारनपुर, जेएनएन। बड़गांव क्षेत्र में कच्ची व अवैध शराब का धंधा बेरोकटोक जारी है। गांव गांव कच्ची शराब की भट्टियां धुंआ उगल रही हैं। बड़गांव, चंदपुर, सांवत खेड़ी, भगवानपुर, झबीरण, महेशपुर, शब्बीरपुर, शिमलाना, दल्हेड़ी, अंबेहटा चांद व खुदाबक्शपुर गांव में कच्ची शराब की भट्ठियां दिन- रात धुआं उगल रही हैं, वहीं खुदाबक्शपुर, शिमलाना, अंबेहटा चांद व चंदपुर गांव में तो दूसरे प्रदेश तक की शराब की खेप पहुंच रही है, हालांकि पुलिस ने इस माह में अभी तक पांच लोगों को कच्ची शराब के साथ पकड़ कर जेल भेजा है, मंगलवार को खुदाबक्शपुर गांव में अधिक शराब पीने से दो लोगों की मौत के बावजूद पुलिस या आबकारी विभाग ने गांव में पंहुच कर शराब की निकासी या बिक्री करने वालों की तलाश तक नहीं की। एक युवक शराब के नशे में जड़ोदापांडा मार्ग पर बेहोशी की हालत में पड़ा था। सूचना पर पंहुच कर पुलिस ने उसके उपर चार बाल्टी पानी डालकर उसे उसके घर भेजा। इस संबंध में थाना प्रभारी निरीक्षक उम्मेद सिंह का कहना है कि अवैध शराब के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। धंधे में शामिल किसी भी व्यक्ति को बक्शा नहीं जाएगा।

300 असंगठित श्रमिकों का किया पंजीकरण

सहारनपुर: असंगठित एवं निर्माण श्रमिक संघ के तत्वावधान में हसनपुर चौक पर क्षेत्र के श्रमिकों के लिए आयोजित ई-श्रम कार्ड पंजीयन शिविर लगा, जहां 300 असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का पंजीकरण किया गया।

श्रमिक संघ अध्यक्ष दीपक आनंद ने बताया कि संघ द्वारा जिले भर में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को चिहित करने के साथ ही उनके पंजीकरण का अभियान शुरू किया है। संघ का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को पंजीकृत करा सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दिलाने का है। शिविर में श्रम विभाग के अधिकारियों द्वारा उपस्थित करीब 500 श्रमिकों को ई-श्रम कार्ड की उपयोगिता के बारे में अवगत कराया गया। साथ ही तीन सौ श्रमिकों का पंजीकरण भी कराया। इस दौरान सचिन सैनी, गुलबहार शेख, मीना चौधरी, रवि कुमार, श्रम पर्वतन अधिकारी कृष्ण पाल सिंह, शैलेन्द्र शिवम त्रिपाठी तथा शादाब मलिक का विशेष योगदान रहा।

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