मांगा अधिग्रहीत जमीन का पूरा मुआवजा, टीम का किया विरोध

रेल कारिडोर हेतु अधिग्रहीत की गई जमीन का पूरा मुआवजा दिए जाने की मांग को लेकर पांडोली के ग्रामीणों ने गांव में पहुंचे रेलवे एवं राजस्व कर्मियों का विरोध किया। राजस्व कर्मियों द्वारा उप जिलाधिकारी के समक्ष मामले को ले जाने के आश्वासन पर ही किसान सहमत हुए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 15 Mar 2021 07:55 PM (IST) Updated:Mon, 15 Mar 2021 07:55 PM (IST)
मांगा अधिग्रहीत जमीन का पूरा मुआवजा, टीम का किया विरोध
मांगा अधिग्रहीत जमीन का पूरा मुआवजा, टीम का किया विरोध

सहारनपुर, जेएनएन। रेल कारिडोर हेतु अधिग्रहीत की गई जमीन का पूरा मुआवजा दिए जाने की मांग को लेकर पांडोली के ग्रामीणों ने गांव में पहुंचे रेलवे एवं राजस्व कर्मियों का विरोध किया। राजस्व कर्मियों द्वारा उप जिलाधिकारी के समक्ष मामले को ले जाने के आश्वासन पर ही किसान सहमत हुए।

पांडोली निवासी किसानों ने उप जिलाधिकारी देवबंद को प्रार्थना पत्र देकर रेलवे द्वारा अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा कम दिए जाने की शिकायत की थी। शराफत, रियासत, शौकत व शहजाद का कहना है कि रेल विभाग द्वारा उनकी 1100 वर्ग मीटर जमीन अधिकृत की गई है, जबकि उन्हें मात्र 826 वर्ग मीटर भूमि का ही मुआवजा दिया गया है। वहीं मुंतजिर, इसरार, इरशाद, तुफेल आदि का कहना है कि उनकी 120 वर्ग मीटर जमीन को रेलवे रेलवे कारीडोर हेतु अधिकृत किया गया है, उक्त भूमि का कोई मुआवजा उन्हें आज तक नहीं दिया गया।

सोमवार को हल्का लेखपाल दीपक कुमार, कंप्यूटर ऑपरेटर अशोक वर्मा एवं रेलवे के टेक्निकल सहायक बृजपाल गांव पांडोली पहुंचे। बृजपाल का कहना था कि किसानों की मात्र 846 वर्ग मीटर जमीन अधिकृत की गई है तथा 254 वर्ग मीटर चक मार्ग की भूमि को अधिग्रहण किया गया है, जिसका भुगतान किसानों एवं राज्य सरकार को दे दिया गया है।

इस संबंध में किसानों का कहना था कि 1992 के बाद से राजस्व अभिलेखों में चक मार्ग दर्ज नहीं है, जबकि रेलवे विभाग द्वारा 2010 के बाद जमीन का अधिग्रहण किया गया है, जिस पर टेक्नीशियन सहायक बृजपाल ने चकबंदी विभाग से जानकारी लेकर किसानों को देने का आश्वासन दिया, लेकिन किसान इस पर सहमत नहीं हुए। बाद में दोनों पक्षों में मंगल दिवस पर मामला उच्चाधिकारियों के समक्ष रखने पर सहमति बनी।

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