ग्रामीणों ने की डीएम से पुल बनवाने की मांग

गांव मोरा के नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान सहित ग्रामीणों ने डीएम को पत्र भेजकर गांव में एक नया पुल बनवाने के साथ साथ दुसरे जर्जर पड़े पुल की मरम्मत कराने की मांग की है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 May 2021 05:59 PM (IST) Updated:Mon, 24 May 2021 05:59 PM (IST)
ग्रामीणों ने की डीएम से पुल बनवाने की मांग
ग्रामीणों ने की डीएम से पुल बनवाने की मांग

जेएनएन, सहारनपुर। गांव मोरा के नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान सहित ग्रामीणों ने डीएम को पत्र भेजकर गांव में एक नया पुल बनवाने के साथ साथ दुसरे जर्जर पड़े पुल की मरम्मत कराने की मांग की है।

सोमवार को थाना क्षेत्र के गांव मोरा के ग्राम प्रधान दिलबाग सहित ग्रामीणों ने डीएम को पत्र भेजते हुए बताया कि मोरा गांव की आबादी सात हजार है। गांव में रजबाहे पर एक छोटा सा पुराना पुल बना हुआ है। पुल छोटा होने के कारण किसानों को अपने वाहन बुग्गी आदि निकालने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसके चलते किसान अत्यधिक परेशान हैं, जिसके चलते किसानो को एक नये पुल की अति आवश्यकता है। इसी के साथ साथ मोरा बालूमाजरा मार्ग पर एक पुल क्षतिग्रस्त पड़ा हुआ है। इसका भी ठीक होना जरूरी है। ग्राम प्रधान दिलबाग सहित ग्रामीणों ने डीएम से नया पुल बनवाने के साथ साथ जर्जर पड़े पुल की मरम्मत करवाने की मांग की है।

पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़ते दामों पर लगे रोक

सहारनपुर। उत्तर प्रदेश मोटर ट्रांसपोर्टर्स फेडरेशन अध्यक्ष ब्रित चावला ने कहा कि वर्तमान समय में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में लगातार की जा रही वृद्धि से परिवहन व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। यह स्थिति पिछले एक माह से तेल के दामों मे धीरे-धीरे वृद्धि करने से हुई है वर्तमान में यहां डी•ाल के दामों में भरी इजाफा किया जा चुका है और मंदी के दौर में कारोबार चलाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में सरकार तेल के बढ़ते दामों पर रोक लगाए।

चावला ने कहा कि भयंकर महामारी के चलते परिवहन व्यवसायी वैसे ही परेशान है। उस पर मंदी अत्यन्त निचले स्तर पर पहुंचने से कारोबार करना मुश्किल होता जा रहा है। कोरोना के दौर में पिछले करीब एक वर्ष से मात्र 50 प्रतिशत ही माल की आगत और निर्गत संपूर्ण भारत वर्ष में हो रही है। औद्योगिक इकाइयों के कार्य गति नहीं पकड़ने तथा मंदी के चलते उद्योगों पर भी बंद होने का संकट मंडराने लगा है। उन्होंने केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री से अनुरोध किया कि वर्तमान महामारी के दौर में पेट्रोलियम पदार्थो के दामों में बढ़ोत्तरी करने की बजाय कटौती की जाय, ताकि परिवहन व्यवसाय को राहत मिल सके। पेट्रोलियम मंत्री प्रेषित पत्र में कहा गया कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बढोत्तरी से महंगाई को बढ़ावा मिल रहा है तथा जरूरी सामान, फल सब्जी एवं दवाइयों के साथ ही अन्य आवश्यक वस्तुओ की कीमतें उचाइयों पर पहुंचती जा रही है, ऐसे में जरूरी है कि सरकार तेल की कीमतों पर लगाम लगाकर डूबते उद्योंगों एवं व्यवसायों को बचाने का कार्य करे।

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