सब्जियों में कीट और रोग प्रबंधन तकनीकी का वर्चुअल ट्रेनिग

कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा सब्जियों में कीट और रोग प्रबंधन तकनीकी का वर्चुअल ट्रेनिग की गई। केंद्र के प्रभारी प्रोफेसर डा. आईके कुशवाहा ने टमाटर भिडी बैगन गोभी करेला लोकी तुरई खीरा कद्दू फ्रासबीन आदि में लगने वाले प्रमुख कीट और रोग नियंत्रण के लिए जानकारी दी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 07:21 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 07:21 PM (IST)
सब्जियों में कीट और रोग प्रबंधन तकनीकी का वर्चुअल ट्रेनिग
सब्जियों में कीट और रोग प्रबंधन तकनीकी का वर्चुअल ट्रेनिग

सहारनपुर, जेएनएन। कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा सब्जियों में कीट और रोग प्रबंधन तकनीकी का वर्चुअल ट्रेनिग की गई। केंद्र के प्रभारी प्रोफेसर डा. आईके कुशवाहा ने टमाटर, भिडी, बैगन, गोभी, करेला, लोकी, तुरई, खीरा, कद्दू, फ्रासबीन आदि में लगने वाले प्रमुख कीट और रोग नियंत्रण के लिए जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि समय से कल्चरल, यांत्रिक और जैविक तकनीकी का प्रयोग करना चाहिए जिससे प्राकृतिक तरीके से कीट रोग नियंत्रण हो सके। लाइट ट्रैप, फेरोमोन ट्रैप, सुडोमोनस, ट्राइकोडर्मा, त्रिचोकार्ड, स्टिकी ट्रैप, नीम आयल, सहफसली, साफ सफाई तकनीकी वार्ता के साथ ही उनकी शंका समाधान किया। सिचाई की ड्रिप और स्प्रिंकलर तकनीकी अपनाने से भी रोग कीट का प्रकोप कम होता हैं। रविकांतशर्मा, ऋषि पाल सैनी, विपिन कुमार राजपूत, रविन्द्र तोगड़िया आदि ने भाग लिया।

दिव्यांगजनों को दुकान निर्माण व संचालन के लिए आवेदन आमंत्रित

सहारनपुर: दिव्यांगजन के लिए संचालित पुनर्वास योजना के अंतर्गत दुकान निर्माण एवं संचालन योजना अंर्तगत दुकान निर्माण एवं क्रय के लिए पात्र आवेदकों के ऋण लेने के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए है।

जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी अभय कुमार श्रीवास्तव ने ऐसे दिव्यांगजन, जो दुकान संचालन के लिए दुकान न्यूनतम पांच वर्ष के लिए किराये पर लिए जाने के लिए एवं खोखा, गुमटी, हाथ ठेला क्रय के लिए आवेदक को वित्तीय सहायता के रूप में 10 हजार रुपये की धनराशि स्वीकृत की जाती है। स्वीकृत धनराशि में से 7500 रुपये की धनराशि चार प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज की दर से ऋण के रूप में तथा 2500 रुपये की धनराशि अनुदान के रूप में दी जायेगी। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को वित्तीय सहायता के रूप में वार्षिक साधारण ब्याज की दर से ऋण के रूप में 20 हजार रुपये की धनराशि स्वीकृत की जाती है, जिसमें 15 हजार रुपये की धनराशि चार प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज की दर से ऋण के रूप में तथा 5 हजार रुपये की धनराशि अनुदान के रूप में दी जाती है।

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