शेखपुरा कदीम में एक दिन में रिकार्ड 1530 लोगों का टीकाकरण
जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से मंगलवार को जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत शेखपुरा कदीम में एक ही दिन में रिकार्ड 1530 लोगों को वैक्सीन लगाई गई।
जेएनएन, सहारनपुर : जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से मंगलवार को जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत शेखपुरा कदीम में एक ही दिन में रिकार्ड 1530 लोगों को वैक्सीन लगाई गई।
उपजिलाधिकारी सदर अनिल कुमार सिंह ने बताया कि उक्त ग्राम में बहुत कम टीकाकरण हो रहा था, जबकि यह जिले का सबसे बड़ा गांव है। ग्रामीणों में टीकाकरण को लेकर भ्रांतियां थीं। टीकाकरण को चुनौती के रूप में लेकर उनके द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुनैहटी खड़खड़ी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. आशीष चौधरी को शेखपुरा कदीम पर विशेष फोकस करके टीकाकरण के निर्देश दिए गए। साथ ही खण्ड विकास अधिकारी, जिला पंचायतराज अधिकारी व बाल विकास परियोजना अधिकारी सहारनपुर से भी विचार विमर्श कर वृहद टीकाकरण अभियान चलाने की योजना बनाई गई। इसके लिए गांव को कई सेक्टरों में बांटकर लेखपाल, ग्राम पंचायत अधिकारी, आशा कार्यकर्ता व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की ड्यूटी लगाई गई। जिनके द्वारा घर-घर जाकर लोगों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित किया गया। दिव्यांगों और बुजुर्गों ने भी केंद्रों पर आकर टीका लगवाया। एसडीएम सदर ने बताया कि यह जनपद के किसी भी ग्राम में और संभवत: प्रदेश के भी किसी ग्राम में एक दिन में सर्वाधिक टीकाकरण का रिकार्ड है। जुबली पार्क में मंगल बाजार लगाने को डीएम से मिले
अनलाक में सभी बाजार खोले जाने के बावजूद अभी तक जुबली पार्क में लगने वाले मंगल बाजार को नहीं खोला गया है। रेहड़ी- पटरी वालों के रोजगार को देखते हुए कांग्रेस विधायक जिलाधिकारी अखिलेश सिंह से मिले।
कांग्रेस विधायक मसूद अख्तर व नरेश सैनी के नेतृत्व में जिलाधिकारी अखिलेश सिंह से मिले रेहड़ी- पटरी वालों ने उन्हें बताया कि वे लोग सालों से जुबली पार्क में अपनी फड़ लगाते आ रहे हैं। इसी से उनका परिवार चलता है। कोरोना कर्फ्यू लागू होने से वह सभी बेरोजगार हैं और परिवार के पालन पोषण की समस्या खड़ी हो गई है। अब जब शासन द्वारा सभी बाजारों व रेहड़ी खोखो को खोलने के आदेश दिये जा चुके हैं तो उन्हें भी अपना रोजगार सुचारु करने की अनुमति प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि उन सबके वेंडर कार्ड बने हैं और सरकार द्वारा दिया गया 10-10 हजार रुपये का ऋण उनके सिर पर खड़ा है। यदि काम नहीं करेंगे तो सरकार की रकम कैसे चुकता कर पाएंगे।