हरियाणा की शराब से बना रहे यूपी के ब्रांड, आबकारी विभाग की चुप्पी से उठे कई सवाल
वर्ष 2019 के उस दिन को सहारनपुर के वह लोग कभी नहीं भूल सकते जिन्होंने अपनों को जहरीली शराब कांड में खोया था। जहरीली शराब पीने से 50 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और दर्जनभर से अधिक लोगों की आंख की रोशनी चली गई थी। जिला आबकारी विभाग अभी भी सबक लेने को तैयार नहीं है।
सहारनपुर, जेएनएन। वर्ष 2019 के उस दिन को सहारनपुर के वह लोग कभी नहीं भूल सकते, जिन्होंने अपनों को जहरीली शराब कांड में खोया था। जहरीली शराब पीने से 50 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और दर्जनभर से अधिक लोगों की आंख की रोशनी चली गई थी। जिला आबकारी विभाग अभी भी सबक लेने को तैयार नहीं है। यदि अफसरों ने जिला आबकारी विभाग पर नकेल नहीं कसी तो फिर ऐसा कांड हो सकता है। वर्तमान में भी आबकारी विभाग की मिलीभगत से जिले के कई स्थानों पर जहरीली शराब बनाई जा रही है। जो कभी भी किसी भी समय लोगों की जान ले सकती है।
बेहट थाना प्रभारी केपी सिंह ने दो दिन पहले रोगला हथौली गांव के कब्रिस्तान के पास से जुनैद पुत्र इनाम, मोमीन पुत्र इनाम, सादिक पुत्र निसार निवासीगण दबकोरा को गिरफ्तार किया। इनके पास से 59 पेटी हरियाणा शराब की बरामद हुई। यह लोग इस शराब में रेक्टीफाइड मिलाकर इनकी पैकिग में यूपी ब्रांड लिखकर बेच रहे थे। खुद जुनैद ने राजफाश किया कि वह हरियाणा से शराब लाने के बाद उसमें रेक्टीफाइड मिलाकर यूपी ब्रांड लिखकर बेचते हैं। बता दें कि रेक्टीफाइड की मात्रा यदि अधिक हो जाए तो शराब जहरीली हो सकती है। पकड़े गए आरोपितों को तो यही नहीं पता कि शराब की बोतल में कितना रेक्टीफाइड मिलाना है। जुनैद और सादिक ने राजफाश किया कि उन्हें तो गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन जो बड़े लोग इस धंधे को सहारनपुर शहर और अन्य स्थानों पर कर रहे हैं। उन्हें आबकारी विभाग नहीं पकड़ता, क्योंकि उन लोगों की जिला आबकारी विभाग के कई अधिकारियों से सेटिग चल रही है। बता दें कि कुछ थानों की पुलिस से भी इस धंधे को करने वालों के साथ सेटिग चल रही है।
कुतुबशेर और देहात कोतवाली क्षेत्र में हो रहा बड़ा धंधा
कुतुबशेर और देहात कोतवाली में भले ही नए थाना प्रभारी आ गए हों, लेकिन आते ही उन्होंने भी सेटिग का खेल शुरू कर दिया है। इन दोनों थाना क्षेत्रों में भी नकली और जहरीली शराब बनाई जा रही है, लेकिन यहां के कुछ पुलिसकर्मी केवल एक बोतल और दो पव्वे पकड़ने के बाद एक को जेल भेजकर इतीश्री कर लेते हैं। जब तक बड़ों की गर्दन तक हाथ नहीं जाएंगे, तब तक जहरीली शराब बनती रहेगी। अवैध शराब के धंधे को लेकर शासन और प्रशासन पूरी तरह सख्त है, लगातार आबकारी विभाग को इस संदर्भ में निर्देशित किया जाता है। अगर जिले में कहीं यह धंधा चल रहा है, तथा संबंधित विभाग की इसे लेकर लापरवाही पाई जाती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। अवैध शराब को लेकर कोई भी लापरवाही अक्षम्य है।
-अखिलेश सिंह, डीएम।