तालाब के जीर्णोद्धार को समिति सदस्यों को प्रशिक्षण

भूजल स्तर को बढ़ाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को और अधिक तेजी से चलाए जाने की आवश्यकता है ताकि पानी के संकट को विकराल होने से रोका जा सके। यदि जल्द ही हम नहीं चेते तो पानी का यह संकट जीवन के लिए एक बड़ी समस्या खड़ी कर सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Apr 2021 10:50 PM (IST) Updated:Tue, 27 Apr 2021 10:50 PM (IST)
तालाब के जीर्णोद्धार को समिति सदस्यों को प्रशिक्षण
तालाब के जीर्णोद्धार को समिति सदस्यों को प्रशिक्षण

सहारनपुर, जेएनएन। भूजल स्तर को बढ़ाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को और अधिक तेजी से चलाए जाने की आवश्यकता है, ताकि पानी के संकट को विकराल होने से रोका जा सके। यदि जल्द ही हम नहीं चेते तो पानी का यह संकट जीवन के लिए एक बड़ी समस्या खड़ी कर सकता है। आगामी बरसात के मौसम के दौरान वर्षा के जल की एक-एक कीमती बूंद को सहेजने की तैयारी शुरू हो चुकी है। महानगर के तालाब इस दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।

मंगलवार को जनता रोड स्थित चकहरेटी में दैनिक जागरण के सहेज लो हर बूंद अभियान के अंतर्गत नगर निगम, आइटीसी मिशन सुनहरा कल और पानी संस्थान के तत्वावधान में जन उपयोगी समिति सदस्यों को तालाब को पुनर्जीवित करने का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण का उद्देश्य स्थानीय लोगों को जागरूक करने के साथ ही उन्हें जल संकट की भयावहता के कारणों से परिचित भी कराना था। पानी संस्थान के प्रोजेक्ट आफिसर आदिल रशीद ने जल उपयोगी समिति के सदस्यों को बताया कि तालाब के जीर्णोद्वार से न केवल आसपास की आबादी को फायदा पहुंचेगा बल्कि भूजल स्तर को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। तालाब से आजीविका के साधनों को भी चरणबद्ध ढंग से भी बढ़ाया जा सकेगा। मछली पालन से ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा और उनके परिवार की आय में बढ़ोतरी होगी। इससे ग्रामीणों के जीवन स्तर में भी अपेक्षित सुधार हो सकेगा। इस दौरान समिति के सदस्यों ने भी कई सवाल पूछे जिनका प्रोजेक्ट आफिसर ने जवाब दिया। उनका कहना था कि तालाब को सुंदर रूप में विकसित करने के साथ ही आसपास के क्षेत्र में औषधीय पौधों को रोपण भी किया जायेगा। पौधे लगाने से वातावरण शुद्ध रहेगा जो भावी पीढि़यों के लिए वरदान से कम नही होगा। समिति के अध्यक्ष सुभाष कुमार ने कहा कि तालाब को पुनर्जीवित करने के लिए वह समिति में अन्य लोगों को जोड़कर काम करना चाहेंगे ताकि अधिक लोग लाभान्वित हों। उन्होंने समिति सदस्यों से मछली पालन के लिए उचित प्रशिक्षण और तैयारी करने का भी अनुरोध किया।

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