जिले से हजारों किसान करेंगे दिल्ली कूच, पुलिस बल किया तैनात

नए कृषि कानून के विरोध में शनिवार को जिले से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली कूच करेंगे। इसी को देखते हुए पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा का खाका तैयार कर लिया है। शनिवार की सुबह ही जिले के बार्डर पर पुलिस बल तैनात कर दिया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 11:11 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 11:11 PM (IST)
जिले से हजारों किसान करेंगे दिल्ली कूच, पुलिस बल किया तैनात
जिले से हजारों किसान करेंगे दिल्ली कूच, पुलिस बल किया तैनात

सहारनपुर, जेएनएन। नए कृषि कानून के विरोध में शनिवार को जिले से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली कूच करेंगे। इसी को देखते हुए पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा का खाका तैयार कर लिया है। शनिवार की सुबह ही जिले के बार्डर पर पुलिस बल तैनात कर दिया जाएगा। रणनीति है कि पुलिस अधिकारी किसान नेताओं को समझाएंगे और बताएंगे कि उनकी मांगों को मान लिया गया है, ताकि वह दिल्ली न जा पाएं। हालांकि अधिकारियों ने साफ निर्देश दिए हैं कि किसानों के साथ जबरदस्ती नहीं करनी है।

दरअसल नए कृषि कानून के विरोध में जिले में पिछले कई दिनों से किसानों के कई संगठन धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दे रहे हैं। शुक्रवार को भी भारतीय किसान यूनियन बेदी नाम के संगठन ने जुलूस निकाल प्रदर्शन किया। इसी कानून के विरोध में शनिवार की सुबह सात बजे किसानों का जिले की सीमा से निकलने का प्लान है, ताकि 10 बजे तक किसान मेरठ पहुंच जाएं। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष चौधरी चरण सिंह ने बताया कि उन्हें पदाधिकारियों का आदेश हुआ है कि मेरठ 10 बजे तक पहुंचना है। इसलिए वह खुद लगभग 150 कारों में किसानों को लेकर मेरठ पहुंच जाएंगे। इसके अलावा भी अन्य संगठन जिले से दिल्ली कूच करेंगे। एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि किसानों को बार्डर और टोल पर समझाया जाएगा। बताया जाएगा कि उनकी मांगों को मान लिया गया है। ताकि वह दिल्ली कूच ना करें। वहीं सभी फोर्स को आदेश दिया है कि किसानों के साथ कोई अभद्रता नहीं करेगा। टोल और बार्डर पर रहेगी निगरानी

अधिकतर किसान बिहारीगढ़ से होते हुए चमारीखेड़ा टोल और देहरादून-दिल्ली हाईवे पर स्थित कोलकी टोल से होते हुए दिल्ली के लिए कूच करेंगे। उधर, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर के बार्डर रोहाना टोल पर भी फोर्स लगाया गया है। ताकि किसानों को समझाकर शांत किया जा सके।

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