कोरोना से जंग में ईमानदारी जरूरी, मातृत्व के फर्ज से कभी नहीं हुई दूरी

कोरोना महामारी में एक योद्धा के रूप में काम कर रही महिला डाक्टरों के सामने परिवार को संभालने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 11:15 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 11:15 PM (IST)
कोरोना से जंग में ईमानदारी जरूरी, मातृत्व के फर्ज से कभी नहीं हुई दूरी
कोरोना से जंग में ईमानदारी जरूरी, मातृत्व के फर्ज से कभी नहीं हुई दूरी

सहारनपुर, जेएनएन। कोरोना महामारी में एक योद्धा के रूप में काम कर रही महिला डाक्टरों के सामने परिवार को संभालने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जिले के मेडिकल कालेज पिलखनी में ऐसी ही कई महिला डाक्टर हैं, जो अपने परिवार और बच्चों का भी ध्यान रख रही हैं। यह महिला डाक्टर समय पर ड्यूटी आती हैं और अपने परिवार का भी पूरा ख्याल रख रही हैं। दैनिक जागरण ने तीन से चार महिला डाक्टरों से बात की तो सामने आया कि कैसे कठिन समय से यह गुजर रही है। आइए बताते हैं कि किस महिला डाक्टर ने दैनिक जागरण से क्या कहा।

कोरोना में मेरी ड्यूटी लगी है। मुझे कंट्रोल रूम इंचार्ज बनाया गया है। यहां पर सुबह के सात बजे से ड्यूटी शुरू हो जाती है। देर रात तक ड्यूटी देनी होती है। मेरा बेटा और बेटी छोटी है। उनका भी ख्याल रखना पड़ता है। कई बार बेटी को कंट्रोल रूम लेकर आना पड़ता है। कोरोना को हराना मैं अपनी जिम्मेदारी समझती हूं।

डा. पल्लवी, कंट्रोल रूम इंचार्ज --

कोरोना को लेकर मेरी मेडिकल प्रशासन ने मरीजों को भर्ती करने में ड्यूटी लगाई हुई है। कोरोना के खतरे से भी बचकर रहना पड़ता है और ड्यूटी भी करनी होती है। मेरे दो छोटे बच्चे हैं। उनका भी ख्याल रखना पड़ता है। पति भी नौकरी करते हैं। उनका भी ध्यान रखना पड़ता है।

-डा. प्राची सिघल, एडमिशन इंचार्ज

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मेरी ड्यूटी लैब में है। कोरोना के जितने भी सैंपल आते हैं। उनकी टेस्टिग करती हूं। इसके बाद रिपोर्ट जिला प्रशासन और जिला स्वास्थ्य विभाग को भेजते हैं। रोजाना हजारों की संख्या में सैंपल आते हैं। इस दौरान अपने परिवार और बच्चों का भी ख्याल रखती हूं।

-डा. इंदू मेनन, लैब इंचार्ज

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