संगम घाट से बिन स्नान के मायूस लौटे श्रद्धालु

नानौता में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर क्षेत्र के कुआं खेड़ा संगम पर चल रहे निर्माण कार्य के चलते सिचाई विभाग द्वारा पानी न छोड़ने के कारण दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालु बगैर स्नान के ही मायूस होकर वापस अपने गंतव्य को लौट गए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 10:13 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 10:13 PM (IST)
संगम घाट से बिन स्नान के मायूस लौटे श्रद्धालु
संगम घाट से बिन स्नान के मायूस लौटे श्रद्धालु

सहारनपुर, जेएनएन। नानौता में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर क्षेत्र के कुआं खेड़ा संगम पर चल रहे निर्माण कार्य के चलते सिचाई विभाग द्वारा पानी न छोड़ने के कारण दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालु बगैर स्नान के ही मायूस होकर वापस अपने गंतव्य को लौट गए।

सोमवार को सिचाई विभाग द्वारा संगम स्थल पर चल रहे निर्माण कार्य के कारण पानी नहीं छोड़ा गया था जिस कारण संगम पर आए दूरदराज से श्रद्धालु बिना स्नान किए ही वापस लौट गए। पवित्र गंगा यमुना संगम स्थल पर स्नान न कर पाने पर श्रद्धालुओं ने दुख भी व्यक्त किया।

दिनेश पुंडीर, रामभूल सिंह, गौरव राणा, रामकुमार पुंडीर, यशवंत सिंह राणा, किशनलाल, अजय कुमार, राजकुमार, सत्यवती रेनू पुंडीर,उर्मिला, पूनम पुंडीर, सुदेश, बबीता, संजय सिंह,किरण व संतोष देवी आदि मुख्य रहे।

कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने लगाई यमुना में डुबकी

सरसावा: श्री बनखंडी महादेव मंदिर में एक माह से चल रही कार्तिक कथा का समापन करते हुए पंडित अनिल कौशिक ने सभी संगत के साथ यमुना नदी जाकर श्रद्धालुओं संग विधि विधान के साथ स्नान किया। इस मौके पर उन्होंने यमुना तट पर श्रद्धालुओं को भगवान सत्यनारायण की कथा सुनाते बताया कि सत्य परायण मनुष्य सद्गति को प्राप्त होते हैं। जो मनुष्य सत्य का सहारा लेकर अपने जीवन को व्यतीत कर रहे हैं। उन्हें जीवन में किसी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता है। उनके सभी कार्य निर्विघ्नता पूर्वक होते रहते हैं, लेकिन आज का मनुष्य सत्य से दूर भागता जा रहा है। झूठ क्रोध लोभ और लालच में घिरा जा रहा है जिससे उन मनुष्यों के मुक्ति के मार्ग में बाधाएं उत्पन्न होती है। यदि आज के मनुष्य को अपनी मुक्ति का मार्ग सुलभ करना है तो उन्हें सत्य का सहारा लेना पड़ेगा।

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