कीर्तन दरबार में किया गुरु की महिमा का बखान

सरसावा में सिखों के चौथे गुरु साहिब श्री गुरु रामदास जी महाराज का प्रकाश पर्व इस बार भी अपार श्रद्धा के साथ धूमधाम के साथ मनाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 11:13 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 11:13 PM (IST)
कीर्तन दरबार में किया गुरु की महिमा का बखान
कीर्तन दरबार में किया गुरु की महिमा का बखान

सहारनपुर, जेएनएन। सरसावा में सिखों के चौथे गुरु साहिब श्री गुरु रामदास जी महाराज का प्रकाश पर्व इस बार भी अपार श्रद्धा के साथ धूमधाम के साथ मनाया गया। विशेष रूप से सजाए गए श्री गुरुद्वारा साहिब में आयोजित कार्यक्रम में कीर्तन दरबार सजा गुरु जी की महिमा का गुणगान किया गया।

शुक्रवार को अंबाला रोड स्थित गुरुद्वारा साहिब में श्री गुरु सिंह सभा के तत्वाधान मे प्रकाश पर्व के अवसर पर आयोजित कीर्तन दरबार मे संगत को सम्बोधित करते हुए हजूरी रागी ज्ञानी अमरजीत सिंह ने बताया कि चौथे पातशाह श्री गुरु रामदास जी का जीवन परमात्मा की भक्ति, आस्था तथा समर्पण भाव वाला था। उन्होंने सम्पूर्ण मानवता को भी इसी मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। गुरु जी का जन्म लाहौर (पाकिस्तान) में हुआ था परन्तु माता पिता का स्वर्गवास हो जाने के कारण वह अपनी नानी के पास बासरके गांव अमृतसर में आ गए थे। बचपन म गुरु जी का नाम जेठा जी था। बाद में गुरुगद्दी पर आसीन होने के पश्चात ही धर्म प्रचार के कार्यो में रुचि लेने लगे। ज्ञानी जी ने बताया कि अमृतसर में जिस सरोवर में श्री हरिमन्दिर साहिब है, उस सरोवर का निर्माण गुरु रामदास जी ने ही कराया था, जिसके बाद अमृतसर नगर भी आपके द्वारा बसाया गया। कीर्तन के समापन के बाद लंगर का भी आयोजन किया गया। रात के समय विशेष रूप से सजाएं गए गुरुद्वारा साहिब की रंग बिरंगी विद्युत लड़ियों की छटा देखते बन रही थी इस अवसर पर सिख समाज के अलावा अन्य धर्मों के लोग भी मौजूद रहे।

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