अभिभावकों के खाते में पहुंचेगी ड्रेस-स्वेटर की राशि

बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खातों में ड्रेस स्वेटर स्कूल बैग जूते-मोजे की एकमुश्त राशि देने का फैसला किया गया है। अभिभावकों के बैंक खातों के नंबर की सूची बनाने का काम पूरा कर लिया गया है। प्रत्येक अभिभावक के खाते में 1056 रुपये भेजे जाएंगे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 11:26 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 11:26 PM (IST)
अभिभावकों के खाते में पहुंचेगी ड्रेस-स्वेटर की राशि
अभिभावकों के खाते में पहुंचेगी ड्रेस-स्वेटर की राशि

सहारनपुर, जेएनएन। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खातों में ड्रेस, स्वेटर, स्कूल बैग, जूते-मोजे की एकमुश्त राशि देने का फैसला किया गया है। अभिभावकों के बैंक खातों के नंबर की सूची बनाने का काम पूरा कर लिया गया है। प्रत्येक अभिभावक के खाते में 1056 रुपये भेजे जाएंगे।

परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अभी तक विभाग की ओर से ड्रेस, स्वेटर, बैग, और जूते-मोजे दिए जाते थे। अक्सर ऐसे मामले सामने आते रहे हैं, जिनमें बच्चों को ड्रेस खराब क्वालिटी की मिलने, छोटी या बड़ी मिलने और समय पर न मिलने की शिकायतें अधिकारियों को मिलती रहती थीं। कमोवेश ऐसी स्थिति स्वेटर और स्कूल बैग की खराब क्वालिटी और जूते-मोजे के संबंध में भी बनी रहती थी। ऐसे मामलों को देखते हुए शासन द्वारा अब पुरानी व्यवस्था को समाप्त करने का निर्णय लिया गया।

अभिभावकों की जिम्मेदारी

शैक्षिक सत्र 21-22 के लिए ड्रेस, स्वेटर, स्कूल, बैग, जूते, मोजे खरीदने की जिम्मेदारी अब अभिभावकों की होगी। विभाग द्वारा अभिभावकों के खातों में यह राशि हस्तांतरित की जाएगी। प्रत्येक अभिभावक के खाते में 1065 रुपए भेजे जाएंगे। इसमें स्वेटर के 200, ड्रेस के 600, जूते के 135, बैग के 100 तथा मोजे के 21 रुपये शामिल है। लाभान्वित छात्र-छात्राओं का विवरण प्रेरणा पोर्टल पर अंकित कराने के साथ ही अभिभावकों के आधार नंबर उनकी सहमति से स्कूल स्तर पर एकत्र किए जाएंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अभिभावकों के आधार उनके बैंक खाते से जोड़ दिए गए हो और वे सक्रिय हैं।

जारी किए दिशा निर्देश

शिक्षा निदेशक बेसिक की ओर से मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। माना जा रहा है कि नई व्यवस्था से ड्रेस, जूते-मोजे, स्कूल बैग और स्वेटर आदि की खरीद में होने वाले गोलमाल पर अंकुश लगाया जा सकेगा। अभिभावकों को भी संतोष होगा कि वह बाजार से पसंदीदा आइटम खरीद सकेंगे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अंबरीष कुमार ने बताया कि जिले में 1.92 लाख से अधिक बच्चे लाभान्वित होंगे।

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