गैर इरादतन हत्या में दस साल कैद

अपर सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय दो परितोष कुलश्रेष्ठ ने गैर इरादतन हत्या के एक मामले में दोषी को 10 साल के कठोर कारावास तथा 25 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 11:47 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 11:47 PM (IST)
गैर इरादतन हत्या में दस साल कैद
गैर इरादतन हत्या में दस साल कैद

सहारनपुर, जेएनएन। अपर सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय दो परितोष कुलश्रेष्ठ ने गैर इरादतन हत्या के एक मामले में दोषी को 10 साल के कठोर कारावास तथा 25 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राकेश सहल ने बताया कि मामले की रिपोर्ट सुमित पुत्र सुरेशपाल निवासी गांव भैंसराऊ ने थाना नानौता में 8 मार्च 2012 को दी थी। घटनाक्रम के अनुसार गांव का रामकुमार पुत्र मामचन्द उनके घर पर आता-जाता था और काफी देर रात तक बैठा रहता था। उसने उसे घर बैठने से मना कर दिया था। इस कारण वह उनसे रंजिश रखने लगा और कहने लगा था कि वे उन्हें आगे देख लेगा। 07 मार्च 2012 को करीब पांच बजे रामकुमार उनके घर पर आया और उसके पिताजी से कहने लगा कि पुराने गिले शिकवे खत्म करो चलो होली मनाने चलते हैं और वादी के पिता सुरेश को अपनी मोटरसाइकिल पर बिठाकर ले गया। रात को उसके पिताजी घर पर नहीं आये। रात में व सुबह उन्होने अपने पिताजी को इधर-उधर तलाश किया तो गांव के विनोद पुत्र लाल सिंह व विरेन्द्र पुत्र मेहर सिंह ने गांव के प्रधान सोराज सिंह व उसे बताया कि कल शाम छ:-सात बजे के करीब अपने खेत देखकर वापस गांव आ रहे थे तो राज सिंह के गेहूं के खेत के पास रामकुमार व उसके पिताजी सुरेश शराब पी रहे थे। तुरन्त ही वादी अपने पिताजी को ढूंढने राजसिंह के खेत पर गये तो देखा कि राज सिंह के खेत के पश्चिम तरफ नाली के किनारे उसके पिताजी सुरेश मृत अवस्था में मिले। छानबीन के बाद पुलिस ने राजकुमार के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में चार्जशीट पेश की। दोनों पक्षों की बहस सुनने तथा पत्रावली पर आए साक्ष्य के आधार पर न्यायाधीश परितोष श्रेष्ठ ने राजकुमार को गैर इरादतन हत्या में 10 साल के कारावास व 25 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई।

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