जिला महिला अस्पताल, चार सीएचसी-पीएचसी में बनाए पीकू वार्ड
जिले में दूसरी लहर में 400 से अधिक लोगों की कोरोना संक्रमण के कारण जान चली गई। हालांकि यह आंकड़ा सरकारी है। इससे अधिक मौत होने का अनुमान है। दूसरी लहर में अंतिम संस्कार करने का श्मशान घाट तक में मौका तक नहीं मिला। हालात बेकाबू थे। इसी कारण इस बार तीसरी लहर से निपटने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारी जोर-शोर से की है। आक्सीजन की किल्लत न हो।
सहारनपुर, जेएनएन। जिले में दूसरी लहर में 400 से अधिक लोगों की कोरोना संक्रमण के कारण जान चली गई। हालांकि यह आंकड़ा सरकारी है। इससे अधिक मौत होने का अनुमान है। दूसरी लहर में अंतिम संस्कार करने का श्मशान घाट तक में मौका तक नहीं मिला। हालात बेकाबू थे। इसी कारण इस बार तीसरी लहर से निपटने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारी जोर-शोर से की है। आक्सीजन की किल्लत न हो। बेड की कमी न हो। सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
सीएमओ डा. संजीव मांगलिक ने बताया कि विशेषज्ञों की माने तो तीसरी लहर में बच्चों को सबसे अधिक खतरा हो सकता है। इसलिए जिले में अब तक 200 बेड से अधिक के पीकू वार्ड अलग-अलग स्थानों पर बना दिए गए हैं, जिसमें मेडिकल कालेज में 100 बेड का पीकू वार्ड तैयार है। वहीं, जिला महिला अस्पताल में 50 बेड का पीकू वार्ड और नकुड़, फतेहपुर, देवबंद और नानौता में 12-12 बेड के पीकू वार्ड बनाए गए हैं। इसके अलावा जिले में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घोषणा करके गए थे कि 14 आक्सीजन के प्लांट लगाए जाएं, जिसमें से पांच आक्सीजन के प्लांट चालू कर दिए गए हैं। वहीं, बाकी नौ प्लांट पर काम चल रहा है। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने बताया कि बच्चों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की पूरे जिले में टीम गठित कर दी गई है। यह टीमें घर-घर जाकर बच्चों को स्वास्थ्य किट दे रहे हैं। इन टीमों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम और आशा वर्कर को लगाया गया है।
लापरवाही पर नपेंगे अधिकारी : डीएम
जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने एक बैठक के दौरान अपने सभी अधीनस्थ एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार आदि को निर्देश दिए हैं कि वह तीसरी लहर की तैयारियों में कोई लापरवाही न करें। तीसरी लहर यदि जिले में आती है तो इसके लिए उन्हें तैयार रहना होगा। यदि किसी ने भी लापरवाही की तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।