मेडिकल कालेज में एम्स जैसी सुविधा प्रदान कराने को दिया धरना

जनता देश संगठन ने सहारनपुर स्थित शैखुल हिद मौलाना महमूद हसन मेडिकल कालेज में पीजीआई सुविधा बहाल व एम्स जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग को लेकर धरना दिया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 11:08 PM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 11:08 PM (IST)
मेडिकल कालेज में एम्स जैसी सुविधा प्रदान कराने को दिया धरना
मेडिकल कालेज में एम्स जैसी सुविधा प्रदान कराने को दिया धरना

सहारनपुर, जेएनएन। जनता देश संगठन ने सहारनपुर स्थित शैखुल हिद मौलाना महमूद हसन मेडिकल कालेज में पीजीआई सुविधा बहाल व एम्स जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग को लेकर धरना दिया।

बाद में संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को ज्ञापन देकर प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि संगठन दो वर्षों से मेडिकल कालेज में पीजीआई व एम्स सुविधाएं दिलाने को प्रयासरत है। इस मांग को लेकर तीन बार आंदोलन किया जा जा चुका है। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। संगठन अध्यक्ष सुरेश कुमार फौजी ने कहा कि यदि सरकार ने इस मसले को गंभीरता से नहीं लिया तो संगठन अनिश्चितकालीन आंदोलन चलाने को मजबूर होगा। इस दौरान पिकी पवन शिदे, डा. चंद्रेश, आनंद अतरगढ़ कुलदीप बावरे, अशफाक अंसारी, मुनव्वर, संजना, मीनाक्षी, गौरव सुखीजा, दलीप मल्होत्रा, राजन अरोड़ा आदि मौजूद रहे।

प्रधानमंत्री के घेराव की सूचना पर बार संघ अध्यक्ष को किया नजरबंद

नकुड़: पश्चिम में हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर जिला सिविल कोर्ट बार संघ की जेवर में प्रधानमंत्री के घेराव की घोषणा के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने बार संघ अध्यक्ष अभय सैनी को उनके निवास पर ही नजरबंद कर दिया।

अधिवक्ताओं ने पश्चिम उत्तर-प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की मांग के समर्थन में गुरुवार को जेवर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घेराव की घोषणा की थी। जिसे प्रशासन ने गंभीरता से लिया और गुरुवार की सुबह छह बजे ही सिविल कोर्ट बार संघ अध्यक्ष अभय सिंह सैनी को गांव नीची नकुड़ स्थित उनके निवास पर नजरबंद कर दिया। हालांकि अधिवक्ताओं ने गुरुवार के इस कार्यक्रम को स्थगित करने की भी घोषणा कर दी थी, परंतु प्रशासन ने एहतियातन बार संघ के अध्यक्ष अभय सिंह सैनी को नजरबंद कर दिया। अभय सिंह सैनी ने बताया कि वर्षों से अधिवक्ता पश्चिम उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेंच की मांग को लेकर आंदोलनरत है। बेंच स्थापित होने तक उनका संघर्ष मजबूती के साथ जारी रहेगा।

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