निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मचारियों की नारेबाजी और प्रदर्शन
यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन के बैनर तले केंद्र सरकार के खिलाफ कर्मचारियों ने नारेबाजी कर जोरदार प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने 16 और 17 दिसंबर को बैंकों की हड़ताल को सफल बनाने के लिए कर्मचारियों से एकजुट होने का आह्वान किया।
सहारनपुर, जेएनएन। यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन के बैनर तले केंद्र सरकार के खिलाफ कर्मचारियों ने नारेबाजी कर जोरदार प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने 16 और 17 दिसंबर को बैंकों की हड़ताल को सफल बनाने के लिए कर्मचारियों से एकजुट होने का आह्वान किया।
मंगलवार शाम अंबाला रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा पर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन के संयोजक संजय शर्मा ने कहा कि 1955 में इंपीरियल बैंक आफ इंडिया को सार्वजनिक क्षेत्र के तहत स्टेट बैंक आफ इंडिया के रूप में परिवर्तित किया गया था। यह देश की जरूरत और विकास को पूरा करने के लिए किया गया। 1969 में 14 प्रमुख बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया। 1980 में छह और बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ। उन्होंने कहा कि आम जनता तक बैंक की सेवाएं पहुंचने लगी जो देश के विकास में मील का पत्थर साबित हुई। लेकिन आज केंद्र सरकार बैंकों का राष्ट्रीयकरण समाप्त कर उनका निजीकरण करने पर आमादा है, जो किसी भी दशा में देश के हित में नहीं है। बैंक कर्मचारी सरकार के आत्मघाती कदम का विरोध करते हैं। यूनियन के सचिव प्रदीप गुप्ता ने कहा सरकार औद्योगिक घरानों के हाथों में बैंकों को सौंपने का काम कर रही है, जिन्होंने बैंकों का अरबों रुपया दबा रखा है। यूनियन के अध्यक्ष राजीव कुमार जैन ने कहा कि सरकारी बैंक शुद्ध लाभ कमाकर सरकार को दे रहे हैं लेकिन इसके बाद भी उनका निजीकरण किया जा रहा है।
प्रदर्शनकारियों को राजीव कुमार महेश्वरी, अशोक कुमार, राहुल कपिल, ओपी शिवा, अतुल चोपड़ा, संजीव शर्मा ने भी संबोधित किया। प्रदर्शनकारियों में जावेद अली, शांति स्वरूप अरोड़ा, सतीश छाबड़ा, रोहित कांबोज, सुरेश कुमार, अमित, बलदेव, आसिफ, राकेश जैन, संतोष, प्रदीप शर्मा, सोहन सिंह, अतुल सिघल, राजकुमार शमा आदि शामिल रहे।
रोडवेज कर्मियों ने मांगों को लेकर दिया धरना
जागरण संवाददाता, सहारनपुर : रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने प्रांतीय कार्यकारिणी के आह्वान पर परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। साथ ही कर्मचारियों की अरसे से लंबित चली आ रही मांगों को जल्द पूरा कराने की मांग की।
धरने प्रदर्शन में डिपो, प्रशासनिक शाखाओं के नियमित, संविदा, आउट सोर्सिंग आदि के सैकड़ों की संख्या में कर्मचारियों ने मौजूद रहकर एकजुटता का परिचय दिया। प्रांतीय प्रतिनिधि बाबूराम व क्षेत्रीय मंत्री सुधीर कुमार ने कहा कि परिवहन निगम के संविदा चालकों व परिचालकों के चरणबद्ध नियमितीकरण की योजना नहीं बनाई जा रही है। उन्होंने पांच सूत्रीय मांगों पर चर्चा करते हुए कहा कि महंगाई के दृष्टिगत चालकों-परिचालकों के पारिश्रमिक में हर वर्ष निश्चित वृद्धि नहीं की जा रही है तथा नियमित कर्मचारियों को मंहगाई भत्ते की 6 किश्तों का भुगतान नहीं किया गया है। यही नहीं 31 दिसंबर 2001 तक नियुक्त संविदा चालकों परिचालकों, दैनिक वेतन भोगी कर्मियों के नियमितिकरण में कोताही बरती जा रही है। उन्होंने कहा कि डग्गामारी आदि बंद किए जाने जैसी मांगों को वर्षों से लटकाया जा रहा है। मांगे जल्द पूरी नहीं हुई तो तीव्र आंदोलन किया जायेगा। संचालन ब्रहमपाल सिंह ने किया। इस दौरान ऋषिराज यादव, लक्ष्मी चंद, प्रवीण गुप्ता, विजयपाल, अनुज मलिक, तरंग पुंडीर, अनिल कुमार, अस्तपाल, यशवंत सिंह, सनसपाल आदि मौजूद रहे।