एसआइटी ने जेल जाकर दर्ज किए बयान

शराब टैक्स चोरी प्रकरण में पकड़े गए दस आरोपितों से शुक्रवार को एसआइटी ने जेल में जाकर बयान दर्ज किए। एसआइटी ने शराब फैक्ट्री के सेल्स हेड से लेकर शराब सप्लाई करने वाले वाहन चालक समेत सभी आरोपितों से पांच घंटे तक अलग-अलग पूछताछ की।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Mar 2021 11:21 PM (IST) Updated:Fri, 12 Mar 2021 11:21 PM (IST)
एसआइटी ने जेल जाकर दर्ज किए बयान
एसआइटी ने जेल जाकर दर्ज किए बयान

सहारनपुर, जेएनएन। शराब टैक्स चोरी प्रकरण में पकड़े गए दस आरोपितों से शुक्रवार को एसआइटी ने जेल में जाकर बयान दर्ज किए। एसआइटी ने शराब फैक्ट्री के सेल्स हेड से लेकर शराब सप्लाई करने वाले वाहन चालक समेत सभी आरोपितों से पांच घंटे तक अलग-अलग पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक चालक ने बताया है कि उसे अतिरिक्त चक्कर के ढाई हजार रुपये अलग से मिलते थे। सभी आरोपितों से कई सवाल पूछे गए।

देहात कोतवाली अंतर्गत स्थित को-आपरेटिव कंपनी लिमिटेड शराब फैक्ट्री में मेरठ-लखनऊ एसटीएफ ने छापा मारकर 32 लाख की टैक्स चोरी पकड़ी थी। इस प्रकरण में देहात कोतवाली थाने में 18 लोगों के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज हुए हैं। शुक्रवार को एसटीएफ लखनऊ की टीम ने टैक्स चोरी के आरोप में पकड़े गए कंपनी के सेल्स हेड अश्वनी उपाध्याय समेत दस आरोपितों के जिला कारागार जाकर बयान दर्ज किए, जिसमें फैक्ट्री के कर्मचारी, ट्रांसपोर्टर, शराब सप्लाई करने वाला गाड़ी का चालक शामिल था। टैक्स चोरी में किसकी क्या भूमिका थी, एसआइटी ने यह जानने का प्रयास किया। सूत्रों का कहना है कि आरोपित चालक ने बताया कि वह माह में 60 से अधिक चक्कर उन्नाव जिले के लगाता था, जबकि बिल में 30 चक्कर ही दिखाए जाते थे। अतिरिक्त चक्कर के उसे ढाई हजार रुपये अलग से मिलते थे। इससे ज्यादा वह कुछ नहीं जानता है। इसकी पूरी जानकारी सेल्स हेड को रहती थी कि टैक्स चोरी का माल गाड़ी में लोड हुआ या नहीं।

स्थानीय पुलिस जेल से रही बहार

एसआइटी की टीम शुक्रवार सुबह 10 बजे जिला कारागार पहुंची थी। उनके साथ जनकपुरी थाना प्रभारी अवनीश गौतम फोर्स के साथ गए थे। हालांकि पुलिस को अंदर नहीं जाने दिया। जेल स्टाफ के भी मोबाइल बंद करा दिए थे। दोपहर करीब तीन बजे एसआइटी जेल से वापस लौटी। लगभग पांच घंटे तक पूछताछ की।

इनका कहना है..

शुक्रवार को जेल में बंद सभी 10 आरोपितों के बयान दर्ज किए गए हैं। बयानों को जांच में शामिल कर लिया है। यदि जरूरत पड़ी तो फिर से जेल जाकर बयान दर्ज किए जाएंगे। जांच रिपोर्ट जल्द शासन को सौंप दी जाएगी।

- देव रंजन वर्मा, एसपी एसआइटी।

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