पालिका ने तालाब को संवारा, पक्के घाट भी बनेंगे

गंगोह में सरकार पानी की हर एक बूंद सहेजने के लिए अपील करती है जिसमें तालाबों का बहुत बड़ा योगदान रहता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 07:24 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 07:24 PM (IST)
पालिका ने तालाब को संवारा, पक्के घाट भी बनेंगे
पालिका ने तालाब को संवारा, पक्के घाट भी बनेंगे

सहारनपुर, जेएनएन। गंगोह में सरकार पानी की हर एक बूंद सहेजने के लिए अपील करती है जिसमें तालाबों का बहुत बड़ा योगदान रहता है। नगरपालिका द्वारा सलारपुरा मार्ग स्थित तालाब को लाखों रुपये खर्च कर उसे जल से लबालब किया है, जबकि ककराली सरोवर डेढ़ करोड़ रुपये खर्च कर भी सूखा पड़ा है।

जल संचयन के लिए तालाब सबसे बड़ा आधार हो सकते हैं लेकिन अनेक तालाब आज अस्तित्व विहीन हो गए हैं। गंगोह नगर की बात ले तो यहां आबादी के बीच ही लगभग एक दर्जन तालाब अस्तित्व में थे। ककराली सरोवर धार्मिक महत्व का है जबकि दूसरा बचा हुआ तालाब मोहल्ला कुरैशियान-गुजरान सीमा पर स्थित है जो अब नाममात्र को ही बचा है। इसके अलावा जहां तालाब हुआ करते थे वहां आज मकान बन कर लोगों के आशियाने बन गए हैं। पर्यटन विभाग द्वारा ककराली सरोवर के सुंदरीकरण का प्रस्ताव सरकार को दिया था जिसके लिए अब तक डेढ़ करोड़ रू पए स्वीकृत होकर लग चुके हैं लेकिन अभी तक वह जल विहीन ही पड़ा है। सलारपुरा मार्ग पर सड़क किनारे स्थित तालाब उपेक्षा के कारण जहां अतिक्रमण का शिकार हो गया था वहीं उसकी स्थिति एक गड्ढे जैसी हो गई थी। इस तालाब से धोबी समाज का रोजगार भी चल रहा था। नगरपालिका ने 30 लाख रू पए खर्च कर तालाब को अतिक्रमण मुक्त करा कर पहले तो उसकी खुदाई कराई तथा बाद में उसकी नीचे से ही आरसीसी की दीवार बना दी। तालाब को पानी से भी भर दिया गया था। अब हालत यह है कि 7 बीघा का यह तालाब धोबी समाज के काम आ रहा है तथा जल संग्रहण का माध्यम भी बन गया है। नगरपालिका चेयरमेन प्रतिनिधि नोमान मसूद ने बताया कि प्रदेश सरकार ने योजना दी तो वह इस पर पक्के घाट का निर्माण भी कराएंगे। यही नहीं शमशान घाट किनारे के इस तालाब पर चारों और हरियाली का भी प्रयास करेंगे।

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