गरीबी की पिच पर हाकी में इतिहास रचने लगा साहिल

प्रतिभा किसी परिचय की मोहताज नहीं होती। कड़ी मेहनत व पक्का इरादा इंसान को बुलंदी के मकाम पर पहुंचा देता है। ऐसी ही कहानी सहारनपुर के उभरते खिलाड़ी साहिल कुमार की है। वह गरीबी की पिच पर हाकी स्टिक से इतिहास रचने में जुटे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 08:08 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 08:08 PM (IST)
गरीबी की पिच पर हाकी में इतिहास रचने लगा साहिल
गरीबी की पिच पर हाकी में इतिहास रचने लगा साहिल

सहारनपुर, जेएनएन। प्रतिभा किसी परिचय की मोहताज नहीं होती। कड़ी मेहनत व पक्का इरादा इंसान को बुलंदी के मुकाम पर पहुंचा देता है। ऐसी ही कहानी सहारनपुर के उभरते खिलाड़ी साहिल कुमार की है, जो गरीबी की पिच पर हाकी स्टिक से इतिहास रचने में लगे हैं।

साहिल कुमार ने हाल में ही भोपाल में हुई जूनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में न केवल यूपी एकेडमी की टीम के साथ प्रतिभाग किया, बल्कि शानदार प्रदर्शन कर टीम को चार मैच में से तीन जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। साहिल कुमार की उपलब्धि से जहां खेल प्रेमियों में हर्ष है, वहीं साहिल के समक्ष गरीबी आड़े आ रही है। कोच शारिक हुसैन बताते हैं कि साहिल का शुरू से ही रूझान हाकी की तरफ होने के कारण परिवार ने खेलने की इजाजत दी थी। रोजाना घंटों अभ्यास करता था। बाद में उसका सेलेक्शन यूपी एकेडमी में हो गया। यूपी की ओर से खेलते हुए साहिल लगातार शानदार प्रदर्शन कर राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में नाम चमकाने के शुरूआती दौर में है। खेल संघ यदि साहिल की मदद करे तथा सुविधाएं मिले तो वह राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाएगा।

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पिता करते हैं मजदूरी

सहारनपुर की गरीब मलिन बस्ती रामघाट निवासी 14 वर्षीय साहिल कुमार के पिता कमल कुमार मजदूरी कर किसी प्रकार अपने परिवार का पालन पोषण करते है। साहिल कुमार तीन भाई हैं। जिला हाकी संघ अध्यक्ष व नेशनल हाकी खिलाड़ी चौ. नीरपाल सिंह ने साहिल कुमार की उपलब्धि पर हर्ष जताने के साथ ही सम्मानित करने की घोषणा की है। हाकी संघ के फुरकान अहमद, सुरेश पाल, नवीन शर्मा, यशपाल पुंडीर, संदीप भट्ट, उषा गुप्ता ने साहिल के लिए आगे आकर सहयोग की अपील की है।

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