बढ़ेगा सहारनपुर के काष्ठ उत्पादों का निर्यात

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट की गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधारशिला रखी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 11:12 PM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 11:12 PM (IST)
बढ़ेगा सहारनपुर के काष्ठ उत्पादों का निर्यात
बढ़ेगा सहारनपुर के काष्ठ उत्पादों का निर्यात

सहारनपुर, जेएनएन। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट की गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधारशिला रखी। पीएम ने अपने भाषण में सहारनपुर का जिक्र कर कहा कि एयरपोर्ट बनने से सहारनपुर की विश्व प्रसिद्ध वुडकार्विंग इंडस्ट्री को भी निर्यात में लाभ होगा। इसे लेकर सहारनपुर के काष्ठ कारोबारियों में खुशी की लहर है। इनका कहना है कि इस एयरपोर्ट के बनने से सभी तरह की इंडस्ट्री का विकास होगा निर्यात बढे़गा। रोजगार के ज्यादा अवसर प्राप्त होंगे। ग्रेटर नोएडा में बनने वाले इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण से दिल्ली हवाई अडडे का भार कम होगा और जेवर एक अहम कनेक्टिविटी के तौर पर उभरेगा, जिसका लाभ पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को होगा। सी-32,

आइआइए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वुडकार्विंग निर्यातक रामजी सुनेजा का कहना है कि जेवर एयरपोर्ट के निर्माण से नोएडा, मेरठ, सहारनपुर समेत आसपास के जनपदों के उद्योगों को लाभ होगा। उनका कहना है कि जिस जगह एयरपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है एक्सपो मार्ट वहां से दस किलोमीटर की दूरी पर है और उसके चारों और औद्योगिक हब है, जिससे उद्यमियों को अपना माल बाहर विदेशों में भेजने के लिए अब ज्यादा दिक्कत परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। ---

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सीआइएस के अध्यक्ष एवं वुडकार्विंग निर्यातक रविद्र मिगलानी का कहना है कि कनेक्टिविटी जितना ज्यादा होगी, उद्योगों को उतना ही लाभ होगा। अभी तक निर्यातकों को अपना माल विदेशों में भेजने के लिए कंटेनर या दिल्ली एयरपोर्ट के माध्यम से भेजना पड़ता था। कंटेनर के लिए उद्यमियों को कई-कई दिन तक इंतजार करना पड़ता है। मगर जेवर में बनने वाले एयरपोर्ट के बाद निर्यातकों की एक बड़ी समस्या का हल हो जाएगा। ---

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वुडकार्विंग निर्यातक परविदर सिंह का कहना है कि जेवर एयरपोर्ट से ट्रांसपोटेशन आसान हो जाएगा। एयर कारगो हब बनने से किसी भी उद्योग से जुड़े उद्यमियों को इसका लाभ होगा। हमारा एक्सपो मार्ट भी ग्रेटर नोएडा में ही है और वहां से जेवर एयरपोर्ट की दूरी मुश्किल से दस मिनट की होगी। जबकि दिल्ली एयरपोर्ट जाने में दो से ढाई घंटे लग जाते हैं। अभी तक बडी आइटम शिप के माध्यम भेजी जाती थी तथा छोटी आइटम एयर कारगो से भेजी जाती थी। --------------

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वुडकार्विंग के बड़े निर्यातक औसाफ गुडडू का कहना है कि सहारनपुर से वुडकार्विंग का फर्नीचर व अन्य सजावटी सामान ज्यादातर कंटेनर के माध्यम से शिप तक पहुंचता रहा है, जिसमें कई बार समय से कंटेनर उपलब्ध न होने के कारण आर्डर निरस्त भी होते रहे हैं। जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण से न केवल वुडकार्विंग से जुड़े निर्यातकों को लाभ होगा बल्कि माल भी विदेशों में समय से पहुंचाया जा सकेगा।

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