वैक्सीन में डब्ल्यूएचओ के लक्ष्य से पीछे सहारनपुर मंडल
कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने प्रदेश के सभी मंडलों को लक्ष्य दिया था कि तीसरी लहर से यदि निपटना है तो 72 फीसद लोगों को वैक्सीन लग जानी चाहिए।
सहारनपुर, जेएनएन। कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने प्रदेश के सभी मंडलों को लक्ष्य दिया था कि तीसरी लहर से यदि निपटना है तो 72 फीसद लोगों को वैक्सीन लग जानी चाहिए। तभी तीसरी लहर से निपट सकते हैं। हालांकि अभी तक तीसरी लहर का असर सहारनपुर मंडल तक नहीं है। सहारनपुर मंडल की बात करें तो यहां पर मात्र 32 फीसद लोगों को ही वैक्सीन लगी है। हालांकि मंडल के तीनों जिलों में सहारनपुर अव्वल चल रहा है। मुजफ्फरनगर और शामली दोनों जनपद पीछे चल रहे हैं। जिस कारण फीसद रेट बहुत कम है।
सहारनपुर मंडल की आबादी लगभग 1.05 करोड़ है। सहारनपुर मंडल में दूसरी डोज चार फीसद लोगों को ही लगी है। जबकि 28 फीसद लोग प्रथम डोज लगवा चुके हैं। पूरे मंडल में अभी तक 32 लाख 43 हजार 319 लोगों को पहली और दूसरी डोज लगी है। जो कुल आबादी का 32 फीसद बैठता है। इसमें से 26 लाख 74 हजार 271 लोगों यानि 28 फीसद को पहली डोज और चार लाख चार हजार 50 लोगों यानि चार फीसद को दूसरी डोज लगी है। यह आंकड़े बता रहे हैं कि सहारनपुर मंडल डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के आसपास भी नहीं है। सहारनपुर जिले की आबादी लगभग 40 लाख है। जिसमें 15 लाख 57 हजार 953 लोगों को डोज लग चुकी है। जो आबादी का 38 फीसद बैठ रहा है। पहली डोज 31 फीसद लोग लगवा चुके हैं। जबकि दूसरी डोज मात्र 7.41 फीसद लोग ने ही लगवाए हैं। सहारनपुर में पहली डोज 12 लाख 61 हजार 459 लोग लगा चुके हैं। जबकि दूसरी डोज दो लाख 96 हजार 494 लोग लगवा चुके हैं। मुजफ्फरनगर की आबादी लगभग 48 लाख के करीब है। यहां पर अभी तक केवल 11 लाख 70 हजार 63 लोगों को ही डोज लगी है। इसी तरह से शामली की आबादी 15 लाख के करीब है। आबादी के हिसाब से अभी तक शामली में पांच लाख 15 हजार 303 लोगों को ही टीका लगा है। स्वास्थ्य विभाग को डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के हिसाब से तेजी से काम करना होगा। तभी लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं। सहारनपुर मंडल में लगातार टीका लगाने का अभियान चल रहा है। सप्ताह में एक बार मेगा अभियान चलाया जाता है। सहारनपुर जिला ठीक चल रहा है। मुजफ्फरनगर-शामली पिछड़ रहा है। कुछ लोग हैं कि टीका लगवाने के लिए गंभीर नहीं दिख रहे हैं। इसलिए जागरूकता अभियान भी चलाए गए हैं। जल्द ही डब्ल्यूएचओ का लक्ष्य पूरा किया जाएगा।
डा. अनिता जोशी, एडी हेल्थ