श्रीराम के राज्याभिषेक के साथ रामलीला महोत्सव संपन्न

शहर में कई स्थानों पर चल रही रामलीला मंचन में शनिवार देर रात श्री राम के अयोध्या पहुंचने पर विधि-विधान से राज्याभिषेक किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 10:59 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 10:59 PM (IST)
श्रीराम के राज्याभिषेक के साथ रामलीला महोत्सव संपन्न
श्रीराम के राज्याभिषेक के साथ रामलीला महोत्सव संपन्न

सहारनपुर, जेएनएन। शहर में कई स्थानों पर चल रही रामलीला मंचन में शनिवार देर रात श्री राम के अयोध्या पहुंचने पर विधि-विधान से राज्याभिषेक किया गया। बाद में अतिथियों, कमेटी पदाधिकारियों और कलाकारों को पुस्कार दिए गए।

कपिल विहार स्थित रामलीला में भव्य रामलीला का मंचन भगवान श्रीराम के राजतिलक व आरती के साथ संपन्न हो गया। मुख्य अतिथि पार्षद चंद्रजीत सिंह निक्कू व तरुण भोला द्वारा भगवान श्रीराम का तिलक कर आरती की गई। इसके पश्चात दर्शकों को प्रसाद वितरण किया गया। कमेटी के प्रधान विनोद कुमार ने बताया कि रामलीला में स्थानीय कलाकारों ने द्वारा ही पूरे मनोयोग से अभिनय किया गया। इस मौके पर महामंत्री अक्षय कुमार वत्स, अनिमेष गुप्ता, निर्देशक महेंद्र कुमार शर्मा, आनंद कुमार आदि मौजूद रहे। वहीं चिलकाना रोड स्थित श्री रामलीला भवन में श्री रामलीला कमेटी के तत्वावधान में श्री राम का राज्याभिषेक किया गया। नुमाइश कैंप में सुपर क्लब व नवयुग सेवा समिति द्वारा अलग-अलग स्थानों पर श्री राम का राजतिलक किया गया। श्री राम की जयकारों से पूरा वातावरण गूंज उठा।

दारुल उलूम के इतिहास पर लिखा तराना, उलेमा ने की तारीफ

देवबंद : इस्लामी तालीम के प्रमुख केंद्र दारुल उलूम से 44 साल पहले अपनी शिक्षा पूर्ण करने वाले मेवात, हरियाणा के मौलाना यूनुस ने दारुल उलूम के इतिहास पर बेहतरीन तराना (गान) लिखा है। रविवार को मौलाना यूनुस ने दारुल उलूम पहुंच मोहतमिम व जमीयत अध्यक्ष समेत उलेमा से मुलाकात की और फ्रेम में जड़ा हुआ अपना तराना संस्था प्रबंधन को सौंपा। उलेमा ने तराना पढ़ा और इसकी जमकर तारीफ की।

जमीयत उलमा-ए-हिद मेवात के अध्यक्ष मौलाना साबिर कासमी के नेतृत्व में रविवार को पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दारुल उलूम पहुंचा। यहां उन्होंने संस्था के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी व जमीयत उलमा-ए-हिद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में शामिल मौलाना यूनुस ने बताया कि उन्होंने वर्ष 1977 में दारुल उलूम से ही अपनी शिक्षा पूर्ण की थी। संस्था के इतिहास पर उन्होंने तराना भी लिखा है। यह तराना प्रतिनिधिमंडल द्वारा संस्था के जिम्मेदारों को सौंपा गया। मोहतमिम नौमानी और मौलाना मदनी ने तराने को पसंद करते हुए लेखक मौलाना यूनुस की तारीफ की। साथ ही संस्था के जिम्मेदारों द्वारा उक्त फ्रेम हुए तराने को संस्था के मेहमानखाने में लगाने को कहा गया। प्रतिनिधिमंडल में मौलाना जाबिर कासमी, हाजी अख्तर, मोबीन अहमद सरपंच आदि शामिल थे।

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