रेलवे अंडरपास बना ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब
क्षेत्र के गांव भरतपुर के निकट बने रेलवे अंडरपास निर्माण को एक वर्ष भी पूरा नहीं हुआ लेकिन उसमें लगे सरिए बाहर निकल आने से राहगीरों की जिंदगी को खतरा बढ़ गया है।
सहारनपुर, जेएनएन। क्षेत्र के गांव भरतपुर के निकट बने रेलवे अंडरपास निर्माण को एक वर्ष पूरा नहीं हुआ, लेकिन अभी से सड़क टूटकर सरिया बाहर निकल आई है। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
ग्रामीण पूर्व ग्राम प्रधान नरेंद्र त्यागी, सुशील शर्मा,आदेश त्यागी, रविद्र चौधरी, नरेश वर्मा, काला, वीरेंद्र आदि का कहना है कि ग्रामीणों के लिए रेलवे अंडरपास एक अभिशाप बन गया है। बरसात में जलभराव के कारण ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अंडरपास में बनाई गई सीसी रोड पूरी तरह उखड़ गई है और उसमें जो लोहे का जाल बनाया गया था, उसके सरिये बाहर निकलने लगे हैं। इसके कारण कोई भी घटना घट सकती है। रात के समय बाइक, कार के टायर में सरिया घुस सकता है। उन्होंने निर्माण कंपनी से अंडरपास की तुरंत मरम्मत कराने की मांग की है। मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर
लगाई न्याय की गुहार
संवाद सूत्र, जड़ौदापांडा: क्षेत्र के गांव झबीरन निवासी एक व्यक्ति ने फार्मेसिस्ट पर गर्भवती भैंस को मारने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है।
थाना क्षेत्र के गांव निवासी बुद्धसिह पुत्र कबूला ने पत्र में बताया है कि उसकी भैंस नौ माह की गर्भवती थी। भैंस के पैरों पर सूजन आने के कारण वह बड़गांव पशु चिकित्सालय पर चिकित्सक को बुलाने गया। चिकित्सक तो नहीं मिला, लेकिन वहां पर मौजूद फार्मेसिस्ट ने भैंस के उपचार करने की बात कही तो वह फार्मेसिस्ट के बातों में आ गया। फार्मेसिस्ट ने पशुपालक के घर जाकर गर्भवती भैंस का उपचार शुरू कर दिया। लगातार दस दिन उपचार करने के बावजूद भैंस मर गई। भैस मरने के उपरांत अन्य चिकित्सकों से संपर्क किया गया तो बताया कि भैंस को उपचार की जरूरत नहीं थी। केवल गर्म पानी से भैंस के पैरों झराई करनी चाहिए थी। आरोप लगाया कि फार्मेसिस्ट के गलत उपचार से भैंस की मौत हुई है।