अवैध खनन पर पुवांरका चौकी इंचार्ज व दीवान लाइन हाजिर

देहात कोतवाली क्षेत्र में अवैध खनन की शिकायत मिलने पर कप्तान ने सीओ से गोपनीय जांच करवाई। साथ ही शिकायत सही पाए जाने पर लापरवाही मानते हुए पुवांरका चौकी इंचार्ज व मुख्य आरक्षी को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर उनकी विभागीय जांच भी बैठा दी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 11:24 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 11:24 PM (IST)
अवैध खनन पर पुवांरका चौकी इंचार्ज व दीवान लाइन हाजिर
अवैध खनन पर पुवांरका चौकी इंचार्ज व दीवान लाइन हाजिर

सहारनपुर, जेएनएन। देहात कोतवाली क्षेत्र में अवैध खनन की शिकायत मिलने पर कप्तान ने सीओ से गोपनीय जांच करवाई। साथ ही शिकायत सही पाए जाने पर लापरवाही मानते हुए पुवांरका चौकी इंचार्ज व मुख्य आरक्षी को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर उनकी विभागीय जांच भी बैठा दी है।

एसएसपी के पीआरओ सेल ने जानकारी दी कि ढमोला नदी के समीप आवंटित पट्टे से अवैध खनन की शिकायत मिली थी। इस पर एसएसपी आकाश तोमर ने अंडर ट्रेनर सीओ चित्रांशु गौतम को मौके पर जांच के लिए भेजा था। सीओ जब जांच को पहुंचे तो मौके पर जेसीबी से अवैध खनन जारी था। सीओ की रिपोर्ट मिलते ही इसके लिए लापरवाह मानते हुए एसएसपी ने देहात कोतवाली की पुंवारका चौकी के प्रभारी एसआई अवशेष भाटी और थाने के मुख्य आरक्षी निर्भय सिंह को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया। एसएसपी आकाश तोमर ने बताया कि लाइन हाजिर किए गए दरोगा और दीवान की प्रारंभिक जांच भी उन्होंने क्षेत्राधिकारी नगर प्रथम प्रीति यादव को सौंपी है। नहीं हो रहा रखरखाव : पूरे ककराली सरोवर में पानी भरने की मांग

सहारनपुर, जेएनएन। गंगोह में अनेक लोगों ने ककराली सरोवर में पानी भरने व काम को मानक के अनुसार कराने की मांग की है। लोगों ने पर्यटन अधिकारी के सामने भी इसी तरह की शिकायतें की गई थी।

सामाजिक कार्यकर्ता बलबीर सिंह तोमर व लोकेश सलारपुरी ने कहा है कि अब तक डेढ़ करोड़ की राशि खर्च करने के बावजूद ककराली सरोवर में ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है कि इसका सुंदरीकरण किया जा रहा है। दो बार इसके लिए धनराशि स्वीकृत हुई और दोनों बार कार्य कराने का जिम्मा समाज कल्याण निर्माण निगम को सौंपा गया था।

परिक्षेत्र की पर्यटन अधिकारी अंजू चौधरी भी सरोवर के निर्माण कार्य की जांच को आई थी तथा लोगों ने जमकर शिकायत की थी। लोगों का कहना था कि एक तो निर्माण ही मानक के अनुसार नहीं किया जा रहा है। दूसरे आधे-अधूरे काम के रखरखाव का भी ध्यान नहीं रखा गया है। इन लोगों का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश हैं कि भूमि में केवल जल भराव ही होना चाहिए। यदि पूरे सरोवर में पानी भरने की व्यवस्था न कर इसमें बदलाव किया गया तो इसका विरोध किया जाएगा।

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