नकुड़ मंडी में औंधे मुंह गिरे सब्जियों के दाम

नकुड़ में तहसील मुख्यालय पर सब्जियां लागत मूल्य से भी कम भाव पर बिक रही हैं। ऐसा सब्जी उत्पादकों द्वारा मांग से अधिक सब्जियों का उत्पादन करने के कारण हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 06:22 PM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 06:22 PM (IST)
नकुड़ मंडी में औंधे मुंह गिरे सब्जियों के दाम
नकुड़ मंडी में औंधे मुंह गिरे सब्जियों के दाम

सहारनपुर, जेएनएन। नकुड़ में तहसील मुख्यालय पर सब्जियां लागत मूल्य से भी कम भाव पर बिक रही हैं। ऐसा सब्जी उत्पादकों द्वारा मांग से अधिक सब्जियों का उत्पादन करने के कारण हुआ है। सब्जियों पर एमएसपी लागू नहीं है। ऐसे में सब्जियों के भाव बाजार में आपूर्ति पर तय होते हैं।

पिछले साल इन दिनों नकुड़ सब्जी मंडी में गोभी का रेट 18 से 20 रुपये प्रति किलो था, तब किसानों ने गोभी बेचकर काफी मुनाफा कमाया था। उसी से प्रेरित होकर इस साल भी किसानों ने गोभी का उत्पादन बढ़ा दिया। परिणाम यह हुआ कि अब नकुड़ सब्जीमंडी में गोभी का भाव एक से लेकर तीन रुपये प्रति किलो थोक के भाव पर चल रहा है। इसी तरह से पालक भी तीन से पांच रुपये किलो, गाजर पांच से छह रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रही है। मूली के थोक दाम भी दो से तीन रुपये प्रति किलो, शलजम एक से तीन रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहा है। आलू 10 से भी कम पर थोक के भाव से बिक रहे हैं ।

अलबत्ता, प्याज 35 किलो बिक रहा है। कद्दू 12 से 15 रुपये प्रति किलो, मैथी सात से 10 प्रति किलो पर बिक रहा है। हरी मिर्च 30 से 40 प्रति किलो, बथुआ 15 से 20 प्रति किलो और चने का साग 12 से 15 प्रति किलो के भाव पर थोक के भाव से बेचा जा रहा है।

कुल मिलाकर गोभी, मूली, शलजम, पालक और गाजर के उत्पादक किसान अपना लागत मूल्य भी नहीं वसूल पा रहे हैं। कुछ किसान इन सब्जियों से भरे अपने खेतों को जोत कर अन्य फसलें उगाने पर भी विचार कर रहे हैं।

थोक सब्जी विक्रेता अनीश खान ने कहा कि सब्जी के दामों में सुधार होने की कोई गुंजाइश दूर-दूर तक भी नजर नहीं आ रही है, क्योंकि अभी भी सब्जी उत्पादकों के खेत सब्जियों से भरे हैं। सब्जी विक्रेता राशिद खान कहते हैं कि मांग सेअधिक सब्जियों का उत्पादन हो रहा है, जिसके चलते सब्जियों के दाम कम हो गए हैं।

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