कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों के बचाव की तैयारी
बाल विकास विभाग द्वारा सोमवार को एक विस्तृत वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार का मुख्य उद्देश्य कोरोना से पूरा देश प्रभावित है दूसरी लहर से अभी हम जूझ रहे हैं। वैज्ञानिकों द्वारा तीसरी लहर की संभावना बताई जा रही है और तीसरी लहर में हमारे छोटे बच्चों के प्रभावित होने की संभावना वैज्ञानिकों द्वारा जताई जा रही है। इसकी सावधानी के लिए ही वेबिनार का आयोजन किया गया।
सहारनपुर, जेएनएन। बाल विकास विभाग द्वारा सोमवार को एक विस्तृत वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार का मुख्य उद्देश्य कोरोना से पूरा देश प्रभावित है दूसरी लहर से अभी हम जूझ रहे हैं। वैज्ञानिकों द्वारा तीसरी लहर की संभावना बताई जा रही है और तीसरी लहर में हमारे छोटे बच्चों के प्रभावित होने की संभावना वैज्ञानिकों द्वारा जताई जा रही है। इसकी सावधानी के लिए ही वेबिनार का आयोजन किया गया।
वेबिनार की अध्यक्षता जिला टीकाकरण अधिकारी डा. सुनील वर्मा ने की। मुख्य वक्ता मंडल समन्वयक यूनिसेफ रवि प्रकाश श्रीवास्तव, आइएमए सहारनपुर के अध्यक्ष डा. मनदीप सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा त्रिपाठी रहे। मोटिवेशनल स्पीकर सीडीओ प्रणय सिंह रहे।
इसका उद्देश्य सभी बाल विकास विभाग 0- 6 साल तक के बच्चों, अभिभावकों को वैक्सीनेशन के बारे मे बताना रहा। आशा त्रिपाठी ने बताया कि बाल विकास पोषाहार संबंधित सेवाएं देता है आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चे आते हैं। जिनको प्री प्राइमरी एजुकेशन देते हैं इनकी सुरक्षा के लिए क्या-क्या एहतियात बरतना है इसके बारे में सभी स्पीकर्स द्वारा विस्तृत रूप से बताया गया। वेबिनार में 500 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों ने भाग लिया। जनपद की समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी समस्त मुख्य सेविका है और प्रत्येक विकास खंड से 35 -35 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा भाग लिया गया। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. सुनील वर्मा ने बताया कि जितने भी छोटे बच्चे हैं उनके माता-पिता को प्रत्येक दशा में अपना टीकाकरण कराना चाहिए। बच्चों को संक्रमण से तभी बचाया जा सकता है जब मां-बाप वैक्सीनेट होंगे। सीडीओ प्रणय सिंह ने बताया कि किस तरह जागरूक होकर संक्रमण से बच्चों को बचाया जा सकता है। आइएमए अध्यक्ष डा. मनदीप सिंह ने सप्लीमेंट्री न्यूट्रिशन के बारे में बताया कि किस प्रकार बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये छह माह के बाद उनको अतिरिक्त पूरक आहार देकर के बढ़ाया जा सकता है। जैसे जैसे बच्चा बढ़ता है उसको अतिरिक्त आहार की आवश्यकता होती है। इसलिए कार्यकत्रियों के कंधों पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।