दूषित जल पीने को मजबूर ग्रामीण

हिडन का जहर नदी तट से 300 फीट नीचे तक पहुंच गया है। नन्हेड़ा खुर्द गांव सहित करीब आधा दर्जन से अधिक हिडन किनारे बसे गांव में पेयजल के लिए बोरिग कराने पर जहर निकल रहा है। इस जल में सीसा व कैडमियम की मात्रा अधिक है। स्थान बदल कर बोरिग कराने पर भी यही स्थिति रही। इससे ग्रामीणों में दहशत है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 10:54 PM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 06:05 AM (IST)
दूषित जल पीने को मजबूर ग्रामीण
दूषित जल पीने को मजबूर ग्रामीण

सहारनपुर, जेएनएन। हिडन का जहर नदी तट से 300 फीट नीचे तक पहुंच गया है। नन्हेड़ा खुर्द गांव सहित करीब आधा दर्जन से अधिक हिडन किनारे बसे गांव में पेयजल के लिए बोरिग कराने पर जहर निकल रहा है। इस जल में सीसा व कैडमियम की मात्रा अधिक है। स्थान बदल कर बोरिग कराने पर भी यही स्थिति रही। इससे ग्रामीणों में दहशत है।

हिडन नदी किनारे बसे नन्हेड़ा खुर्द, बड़ाबॉस और पीपलो सहित आधा दर्जन गांव भंयकर बीमारियों की चपेट में है। इन गांव में कई लोगों की अकाल मौत हो चुकी है। ग्रामीण कैंसर व पीलिया जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं। नन्हेड़ा खुर्द, बड़ाबॉस और पीपलो गांव में जल निगम की टीम द्वारा टंकी लगाने के लिए सर्वे किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। वर्ष 2013 व 2015 में बाबा मंगल गिरि व यमुना रक्षक दल हिडन की सफाई के लिए आंदोलन चला चुके हैं। ग्रामीणों संग किसान नेता नवीन त्यागी ने भी एसडीएम रामपुर मनिहारन के समक्ष मामला उठाया था।

नन्हेड़ा खुर्द गाव निवासी कालू राम ने बताया कि हैंडपंप से 300 फीट तक दूषित जल ही निकलता है, पीने योग्य जल के लिए 400 फीट बोरिग करना पड़ता है।

ग्रामीण करेशन बताते है कि हिडन में सहारनपुर व आस पास के कई उद्योगों का जहरीला पानी छोड़ा जा रहा है। जो आबादी के लिए घातक है। कई बार डीएम से शिकायत करने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

ग्राम प्रधान नन्हेड़ा खुर्द ब्रह्मपाल सैनी का कहना है कि जल निगम को कई बार टंकी लगवाने के लिए प्रस्ताव भेजा है। जल निगम के द्वारा सर्वे भी करा लिया गया है फिर भी आज तक टंकी का निर्माण नहीं हो सका।

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