पश्चिम में कहीं भी कंधा देना हो तो दौड़े पड़ती है युवाओं की यह टोली

पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसी भी जिले में यदि किसी शव के अंतिम संस्कार में कंधे की जरूरत पड़ती है तो अखिल भारतीय हिदू महासभा के लोग कंधा देने के लिए पहुंच जाते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 11:17 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 11:17 PM (IST)
पश्चिम में कहीं भी कंधा देना हो तो दौड़े पड़ती है युवाओं की यह टोली
पश्चिम में कहीं भी कंधा देना हो तो दौड़े पड़ती है युवाओं की यह टोली

सहारनपुर, जेएनएन। पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसी भी जिले में यदि किसी शव के अंतिम संस्कार में कंधे की जरूरत पड़ती है तो अखिल भारतीय हिदू महासभा के लोग कंधा देने के लिए पहुंच जाते हैं। वह एक फोन पर तैयार हो जाते हैं। सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, शामली, बागपत, बिजनौर आदि जिलों में अब तक वह 32 शवों को कंधा दे चुके हैं। हिदू रीति-रिवाज के अनुसार, श्मशान घाट में अंतिम संस्कार कर चुके हैं।

संस्था के पदाधिकारी चौधरी विश सिंह ने बताया कि कोरोना महामारी में लोग शवों को कंधा देने से कतरा रहे हैं। उनकी संस्था ने आगे बढ़कर इस काम को अपनाया है। अखिल भारतीय हिदू महासभा ने छह-छह युवकों की एक दर्जन से अधिक टीमें बनाई हुई हैं। इन टीमों ने अलग अलग अपने मोबाइल नंबर सार्वजनिक किए हुए है। जहां से भी किसी पीड़ित परिवार का फोन आ जाता है तो टीम के सदस्य कंधा देने के लिए पहुंच जाते हैं। चौधी विश सिंह ने बताया कि पांच दिन पहले उनके पास छुटमलपुर से एक फोन आया। इस परिवार एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। गांव में किसी ने भी कंधा देने से इन्कार कर दिया था। परिवार में केवल महिला और उसकी छह साल की बेटी थी, जिसके बाद उन्होंने अपने छह लड़कों को इस परिवार की मदद के लिए भेजा। सभी युवकों ने हिदू रीति रिवाज के साथ शव का अंतिम संस्कार किया। संस्था के सदस्यों की मदद के लिए समाजसेवी भी आगे आ रहे हैं। लगातार उन्हें पीपीई किट, सैनिटाइजर, ग्लब्स आदि सामान भी दान कर रहे हैं। बता दें कि टीम में आशीष बसन, रूद्र शिवा, पंडित शोभित, अमन राणा, शिवम शर्मा, अभी पंडित, राहुल कुमार, राहुल पंवार, हिमांशु शर्मा, हिमांशु आर्य आदि मौजूद हैं।

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