48 घंटे में होगा किसानों की समस्या का समाधान

जिला कृषि रक्षा अधिकारी शिप्रा ने कहा कि धान के बीज को शोधित करने से बीज जनित रोगों का नियंत्रण एवं बीज जमाव में वृद्धि होती है। उन्होंने कहा कि सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली (पीसीएसआरएस) से कृषि क्षेत्र में सूचना क्रांति के द्वारा किसानों की समस्या का निदान 48 घंटे मे किया जाता हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 10:25 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 10:25 PM (IST)
48 घंटे में होगा किसानों की समस्या का समाधान
48 घंटे में होगा किसानों की समस्या का समाधान

सहारनपुर, जेएनएन। जिला कृषि रक्षा अधिकारी शिप्रा ने कहा कि धान के बीज को शोधित करने से बीज जनित रोगों का नियंत्रण एवं बीज जमाव में वृद्धि होती है। उन्होंने कहा कि सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली (पीसीएसआरएस) से कृषि क्षेत्र में सूचना क्रांति के द्वारा किसानों की समस्या का निदान 48 घंटे मे किया जाता हैं। इसके लिये किसान अपनी फसल मे कीट/रोग समस्या के निदान के लिए कृषि विभाग मे अपना पंजीकरण कराएं।

जिला कृषि अधिकारी शिप्रा ने किसानों को बताया कि 25 किलोग्राम धान का बीज शोधित करने के लिए पहले दिन शाम को 48 लीटर पानी में 4 ग्राम स्टेप्टोसाइक्लीन 90 प्रतिशत ई्सी या 40 ग्राम स्टेप्टोमाईसीन 9 प्रतिशत टेटरा हाईड्रोक्लोराईड को पानी में घोलकर उसे 12-15 घंटे तक भिगोएं। इसके बाद बीज निकाल कर व पानी निचोड़ कर बीज को छाया में सुखाने के पश्चात उसमें 50 ग्राम कार्बनडाजिम 50 प्रतिशत को मिलाकर रख दें। इसके पश्चात बीज की बुवाई करें। शिप्रा ने कहा कि धान नर्सरी की देखभाल के लिए नर्सरी बुवाई के 10 से 15 दिन बाद ट्राइकोडर्मा 4-5 ग्राम/लीटर पानी में घोल बनाकर एक छिड़काव अवश्य करें। नर्सरी में पानी का तापक्रम बढ़ने पर उसे निकाल कर पुन: पानी देना सुनिश्चित करें।

जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने कहा कि सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली से कृषि क्षेत्र में सूचना क्रांति के द्वारा किसानों की समस्या का निदान 48 घंटे में किया जाता है। इसके लिए किसान कृषि विभाग मे अपना पंजीकरण करते हुए विभाग के विशेष मोबाइल नंबर 9452247111 एवं 9452257111 पर एसएमएस या वाट्सएप पर अपनी समस्या भेज सकते हैं।

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